अपराधीयों को संरक्षण देने वाली कांग्रेस पार्टी की राजनैतिक मान्यता रद्द की जानी चाहिए-मनोज तिवारी

नई दिल्ली, 17 दिसम्बर।  दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने दिल्ली में 1984 में हुए सिख दंगों के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा कांग्रेस के नेता सज्जन कुमार समेत चार लोगों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाने के फैसले पर प्रेस वार्ता की। इस प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय मंत्री सरदार आर पी सिंह, दिल्ली भाजपा महामंत्री श्री राजेश भाटिया, प्रवक्ता श्री हरीश खुराना, श्री राजकुमार भाटिया, सिख प्रकोष्ठ के प्रभारी सरदार कुलविन्दर सिंह बन्टी, सिख प्रकोष्ठ के संयोजक सरदार कुलदीप सिंह, मीडिया प्रभारी श्री प्रत्युष कंठ, सह प्रभारी श्री नीलकांत बख्शी, मीडिया प्रमुख श्री अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने न्यायालय द्वारा 1984 के सिख नरसंहार में अहम भूमिका निभाने व सिखों की हत्या करने वाले कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा सुनाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि न्यायालय का फैसला यह साबित करने के लिए काफी है कि कांग्रेस का चाल, चेहरा और चरित्र हिंसात्मक एवं क्रूर है जो देश की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा है। देश को धर्म और जाति के नाम पर बांटने का कार्य करने वाली कांग्रेस ने हमेशा ही जनता के हितों की उपेक्षा कर राजनीति में स्वार्थ सिद्धि की नीति को सर्वोपरि माना है। हम सबके लिए यह ऐतिहासिक फैसला है जिसने यह साबित कर दिया है कि न्याय व्यवस्था के सामने अपराध करने वाला अपराधी होता है चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो। 34 साल के एक लम्बे अन्तराल के बाद सिखों को न्याय मिला, लेकिन न्याय में देरी के लिए कांग्रेस सीधे तौर से जिम्मेदार है जो अपने नेताओं के बचाव के लिए न्याय प्रक्रिया में रूकावट डालने का कार्य कर रही थी।
श्री तिवारी ने कहा की 1984 में जिस तरह कुछ लोगों की गलती की सजा पूरे सिख समुदाय को दी गई और कांग्रेस ने एक साजिश के तहत महिलाओं के साथ बलात्कार करने वाले और सिख समुदाय के लोगों को जिंदा जलाने वालों को राजनैतिक संरक्षण दिया उससे न सिर्फ राजनैतिक व्यवस्था बल्कि संपूर्ण मानवता कलंकित हुई और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को एक बड़ी बदनामी का सामना करना पड़ा। वंशवाद को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस पार्टी ने कभी भी साफ नीयत दिखाते हुये सिखों को न्याय दिलाने के लिए कार्य नहीं किया लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनते ही एस.आई.टी. का गठन कर सिख दंगों की जांच शुरू करायी गयी जिसका परिणाम आज दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायपूर्ण फैसले से साबित होता है। साफ नीयत, सही विकास के संकल्प से प्रतिबद्ध भाजपा ने सिखों के दर्द को सदैव अपना दर्द समझते हुये हमारे सभी नेताओं ने सड़क से लेकर ससंद तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। दिल्ली में 2733 सिखों की निर्मम हत्या और पूरे देश में 3350 सिखों का नरसंहार कांग्रेस नेताओं द्वारा किया गया, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इन नेताओं को टिकट देकर चुनाव लड़ाया तथा बड़े पदों पर बिठाया जो कि साबित करने के लिए काफी है कि कांग्रेस किस हद तक सिखों के अपराधियों को बचाने के लिए तत्पर है।
श्री मनोज तिवारी ने कहा कि भले ही देर से लेकिन न्यायपालिका ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कानून से बड़ा कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि आज के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पिता तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी का वह बयान याद आता है जब उन्होंने सिख नरसंहार के बाद संसद में कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बाकी के दोषियों को भी न्यायालय से उचित दंड मिलेगा जिससे नरसंहार के पीड़ितों का भारत की न्याय व्यवस्था में भरोसा और दृढ़ होगा और कांग्रेस क्रूर एवं हिंसात्मक चेहरा बेनकाब होगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष नैतिकता की दुहाई देते है लेकिन नैतिकता की दुहाई देने वाले भोपाल में सिखों के अपराधी कमल नाथ को मुख्यमंत्री पद की शपथ क्यों दिला रहे हैं। वेदांे में कहा गया है कि जब पाप का अत्याचार बढता है तो धरती हिलती है और पापियों का नाश होता है, अपराधियों को कितना भी राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हो लेकिन न्याय व्यवस्था से कोई नहीं बच सकता है। दिल्ली भाजपा यह मानती है कि कांग्रेस के नेता सिखों के ही नहीं देश के अपराधी है अपराधीयों को संरक्षण देने वाली कांग्रेस की राजनैतिक मान्यता रद्द की जानी चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री की दौगुली राजनीतिक को उजागर करते हुये श्री तिवारी ने कहा है कि केजरीवाल राजस्थान सरकार के शपथ ग्रहण में शामिल तो हो रहे हैं लेकिन वहीं सिखों के नरसंहार के आरोपी कमल नाथ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं। क्या राजस्थान और मध्य प्रदेश की कांग्रेस अलग-अलग है ?

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