आप पार्टी कांग्रेस को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है – मंजिन्दर सिंह सिरसा

नई दिल्ली, 4 जनवरी। विपक्ष के नेता ने कहा कि आयोग की बुद्धिमतापूर्ण सिफारिश थी कि ट्रांसफर ड्यूटी 3.5 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत की जानी चाहिए परंतु सरकार ने इसे भी रद्द कर दिया। यदि यह सिफारिश मान ली जाती तो निगमों को करोड़ों रूपयों की बचत होती और वह पैसा विकास में लगाया जा सकता था।
सरकार द्वारा पुनर्वास कालोनियों के लिये प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है। इससे निगमों को 44.06 करोड़ रूपये की हानि हुई। इस राशि के न मिलने से पुनर्वास कालोनियों में किये जाने वाले कार्यों में बाधा आएगी।  इन कालोनियों में विकास की गति रूक जाऐगी।

वित्त आयोग ने अस्पतालों के लिए 280 करोड़ रूपये का विशेष अनुदान दिए जाने की सिफारिश करी थी। परंतु सरकार ने इसे न केवल अस्वीकार कर दिया अपितु निगमों से अस्पतालों को अपने अधीनस्थ लेने का राग भी अलाप दिया। यह निगमों द्वारा प्रदान की जा रही महत्वपूर्ण नागरिक सेवाओं में दखल डालने वाली सोच है।

वित्त आयोग ने सिफारिश की थी कि निगमों को नालियों के रखरखाव के लिए 80 से 100 करोड़ रूपये की राशि जारी की जाए परंतु दुर्भाग्यवश दिल्ली सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया।

विधायक मंजिन्दर सिंह सिरसा ने कहा कि हमने दो विषयों पर विधानसभा स्पीकर को सदन में चर्चा के लिए नोटिस दिया था। एक राजीव गांधी से भारत रत्न वापिस लेने का विषय था और एक सीलिंग का विषय था। दोनांे ही विषय पे चर्चा तो क्या ही हुई हमारे साथ दुर्व्यवहार और किया गया जैसे पता नही हमने चर्चा की माँग करकर कोई भूल कर दी हो। पहली बार विधानसभा में आप विधायक मार्शल को निर्देश देते दिखे और एक सरदार की दस्तार उतार दी, मेरी पगड़ी उतारने को लेकर मैंने विधानसभा स्पीकर को लिखित शिकायत भी दी है ।यह सभी घटनाक्रम से यह सिद्ध होता है की आप पार्टी कांग्रेस को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है और एसा लगता है की आम आदमी पार्टी का संचालन 10 जनपथ से हो रहा है। आम आदमी पार्टी 1984 के दंगा पीड़ितों के साथ नहीं है बल्कि उनके कातिलों के साथ खड़ी है।

विधायक श्री जगदीश प्रधान ने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायक के निर्देश पर मार्शलों ने हमारे साथ दुव्र्यवहार किया। जब हमने सीलिंग के मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिये आग्रह किया। उन्होंने आरोप लगाया कि 1600 कालोनियां सीधे ही दिल्ली सरकार के अधीन हैं और दिल्ली सरकार के इशारे पर ही उनमें सीलिंग के नोटिस जारी किये जा रहे हैं। इससे आम आदमी पार्टी सरकार के दोहरा चरित्र उजागर होता है और दिल्ली में सीलिंग के प्रति इस सरकार की उदासीनता झलकती है।

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