किसानों की खून पसीने से सीची गयी फसले तबाह और बर्बाद हो रही हैं-डाॅ0 मसूद अहमद

लखनऊ 31 दिसम्बर। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में किसानों की बदहाली का सबसे बड़ा प्रमाण छुटटा जानवरों द्वारा किसानों की फसल को चर जाना है। रबी की फसल तैयार है और योगी की दादागिरी में छूटटा जानवरों पर कोई भी नियंत्रण नहीं है और किसानों की खून पसीने से सीची गयी फसले तबाह और बर्बाद हो रही हैं। गांव के किसान झुण्ड बनाकर कपकपाती ठण्ड में सारी रात अपनी फसल जानवरों से बचाते हैं। इसके बावजूद छुटटा और आवारा जानवरों के झुण्ड मौका पाते ही पूरा खेत चर जाते हैं।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेष के किसानों को बर्बाद करने के लिए ही मुख्यमंत्री ने इस प्रकार के भाषण दिये हैं कि किसानों को जानवरों से डरना पड रहा है और शायद भारतीय जनता पार्टी ने किसानों की बर्बादी के लिए ही योगी का महिमा मण्डन किया है देखने की बात यह है कि देष का प्रधानमंत्री किसानों की आय दुगुनी करने की बात करते हैं और प्रदेष का मुख्यमंत्री किसानों की फसल जानवरों से चरवाते हैं। ऐसा विरोधाभास प्रदेष सरकार के इतिहास में कभी नहीं दिखाई पडा। क्या योगी आदित्यनाथ सभी को अपने मठ में बुलाकर दुआ ताबीज के माध्यम से आमदनी बढाना चाहते हैं अथवा किसानों को बर्बाद करके सभी के हाथों में माला देना चाहते हैं।
रालोद प्रदेष अध्यक्ष ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देष है और किसान मसीहा  चौ0 चरण सिंह ने कहा था कि देष की खुषहाली का रास्ता खेत और खलिहान से होकर गुजरता है। परन्तु योगी जी ने प्रदेष और किसान की बर्बादी का रास्ता खेत के द्वारा दिखाया है जो कि सर्वथा  चौ0 चरण सिंह की आत्मा को कष्ट पहुंचाने वाला है। प्रदेष के किसानों की अवहेलना करके कोई भी सरकार चैन की बंषी नहीं बजा सकती है। नये वर्ष के प्रारम्भ में मुख्यमंत्री योगी जी को सदबुद्वि मिलना चाहिए कि वे किसानों के प्रति दादागिरी का रवैया अपनाना बंद कर दें अन्यथा प्रदेष के किसान लखनऊ से गोरखपुर तक उनका घेराव करके रास्ता रोकने में पीछे नहीं हटेंगे।

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