प्रदेश की जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

लखनऊ: 28 नवम्बर, उत्तर प्रदेश सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रणाधीन समस्त राजकीय चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की न्यूनतम आधारभूत आवश्यकता सुनिश्चित करने हेतु ‘‘न्यूनतम आधारभूत इकाई’’ (बी0एम0एम0) लागू किये जाने की स्वीकृति दे दी है। प्रदेश की जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के समुचित वितरण एवं प्रत्येक जनपद में आधारभूत विशेषज्ञ चिकित्सक की तर्कसंगत तैनाती हेतु बी0एम0एम0 की व्यवस्था लागू की जा रही है। यह जानकारी प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री प्रशांत त्रिवेदी ने आज यहां दी।
श्री त्रिवेदी ने बताया कि बी0एम0एम0 की व्यवस्था के तहत स्वास्थ्य विभाग में उपलब्ध विशेषज्ञ चिकित्सकों के सापेक्ष प्रत्येक मण्डलीय चिकित्सालय में कम से कम 01-01 फिजीशियन, पीडियाट्रीशियन, सर्जन, रेडियोलाॅजिस्ट, पैथालाॅजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट, आर्थोसर्जन, आई सर्जन, ई0एन0टी0 सर्जन तैनात होंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला संयुक्त चिकित्सालय में कम से कम 01-01 फिजीशियन, पीडियाट्रीशियन, सर्जन, रेडियोलाॅजिस्ट, पैथालाॅजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट एवं 01 गायनकोलाॅजिस्ट की तैनाती की जायेगी। साथ ही प्रत्येक जिला पुरूष चिकित्सालयों में कम से कम 01-01 फिजीशियन, पीडियाट्रीशियन, सर्जन, रेडियोलाॅजिस्ट, पैथालाॅजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट होंगे, जबकि प्रत्येक जिला महिला चिकित्सालयों में कम से कम 01-01 पीडियाट्रीशियन, रेडियोलाॅजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट एवं 01 गायनकोलाॅजिस्ट की तैनाती होगी। इसी प्रकार प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कम से कम 01-01 पीडियाट्रीशियन, एनेस्थेटिस्ट एवं 01 गायनकोलाॅजिस्ट की तैनाती होगी।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि बी0एम0एम0 व्यवस्था के तहत विशेषज्ञों का समायोजन अधीन मुख्य चिकित्साधिकारी से मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/अधीक्षिका के अधीन किया जा सकेगा, परन्तु विशेषज्ञों का समायोजन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/अधीक्षिका से मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बी0एम0एम0 व्यवस्था का अनुपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को औपचारिक आदेश दे दिये गये हैं।

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