प्रधानमंत्री को चोर बोलने वाले लोगों को प्रधानमंत्री और देश से माफी मांगनी चाहिए-मनोज तिवारी

नई दिल्ली, 15 दिसम्बर।  भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने शनिवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा राफेल सौदे में किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका को निराधार बताये जाने के फैसले का स्वागत करते हैं। इस अवसर पर श्री तिवारी ने राजनीतिक फायदे के लिए देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले, देश में झूठ और भ्रम फैलाने की राजनीती करने वाले, देश को नीचा दिखाने और प्रधानमंत्री का अपमान करने वालों पर जमकर हमला बोला। प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी श्री प्रत्युष कंठ एवं मीडिया प्रमुख श्री अशोक गोयल उपस्थित थे।

श्री तिवारी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि सत्य कभी नहीं छुपता, झूठ को जितनी बार भी दोहराया जाये वो सत्य को परिवर्तित नहीं कर सकता। सत्यमेव जयते अर्थात सत्य की सदा जीत होती है और इस फैसले से झूठ फैलाने वाले लोगों का पर्दाफाश हुआ है। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा तत्काल राजनीतिक फायदे के लिए देश की जनता को गुमराह करने का षड्यंत्र रचा साथ ही देश की सेना और प्रधानमंत्री का अपमान भी किया है। हम इसकी भत्र्सना करते हुए यही कहना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने यह सिद्ध कर दिया है कि हजारों बार बोला गया झूठ कभी सत्य को परिवर्तित नहीं कर सकता जीत हमेशा सत्य की होती है। उन्होंने कहा कि यह फैसला झूठे आरोप लगाने वालो की राजनीति पर एक तमाचा है।

श्री तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की ही बी टीमों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में मुख्य्तः 4 अलग-अलग याचिकाएं डाली गई थी। इसमें मुख्यतः 3 आरोप लगाए गए थे जो निर्णय प्रक्रिया, डील की कीमत और ओफ्सेट पार्टनर के चुनाव को लेकर लगाए गए थे। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए फैसला दिया कि इसमें संदेह और जांच की कोई जरुरत नहीं है। कोर्ट ने इस प्रक्रिया की पूरी जांच कर खरीद प्रक्रिया को चुनौती देने वाली मांगों को भी ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने एयरक्राफ्ट की क्वालिटी और रिक्वाॅयरमेंट पर भी साफ किया है कि इसमें संदेह का कोई कारण नजर नहीं आता। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब पड़ौसी देशों की वायुसेना चैथे और पांचवे जनरेशन के एयरक्राफ्ट से सुसज्जित हो तो भारत के लिए राफेल की खरीद में देरी देशहित में नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जहाँ तक प्राइसिंग का सवाल है जैसा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और उनकी सहयोगी पार्टियां सवाल उठा रही थी उसमें भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने साफ कर दिया है कि उन्होंने डिटेल में इसका अध्ययन किया है और सम्बंधित अधिकारीयों ने भी बताया है कि इससे देश को आर्थिक फायदा ही हुआ है। इस पर सहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस पर जांच की कोई जरुरत नहीं है।

श्री तिवारी ने कहा कि जहाँ तक आॅफसेट पार्टनर चुनने का सवाल है उसमे भी सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि भारत सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया में किसी को भी आर्थिक फायदा पहुँचाने का कोई भी तथ्य सामने नहीं आया इसलिए सारे आरोप निराधार हैं और यह निरस्त किये जाते हैं। अंत में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मैनुफैक्चर किये गए परसेप्शन और मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट कोई फैसला नहीं कर सकता क्योंकि इसमें कोई तथ्य नहीं हैं।

श्री मनोज तिवारी ने कहा कि राहुल गाँधी, अरविन्द केजरीवाल और अजय माकन समेत जिन लोगों ने भी देश की जनता को गुमराह करने और राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से ये बेबुनियाद आरोप लगाए हैं और इस प्रक्रिया में देरी कर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने का प्रयास किया है उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।

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