भाजपा शासन में केवल भाषणों में किसान को खुशहाल बताया जा रहा है

लखनऊ 3 जनवरी। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि भाजपा शासन में केवल भाषणों में किसान को खुषहाल बताया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि इस सरकार को किसानों की दषा से कुछ भी लेना देना नहीं है। एक वर्ष पहले विधानसभा के सामने किसानों द्वारा सडकों पर आलू फेककर प्रदर्षन किया गया था क्योंकि किसानों को आलू की कीमत उतनी भी नहीं मिल पा रही थी जितनी कि कोल्ड स्टोरेज में रखने की होती है।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि उस घटना से भी योगी आदित्यनाथ जी ने कोई भी सबक नहीं लिया है क्योंकि इस वर्ष भी प्रदेष का आलू किसान त्राहि त्राहि कर रहा है। किसान के द्वारा 490 रूपये का मनी आर्डर देष के प्रधानमंत्री को भेजना प्रदेष सरकार के मुंह पर तमाचा है। सरकार का कर्तव्य भोले भाले किसानों के वोट लेने तक नहीं है बल्कि उनको दिखाये गये सब्जबाग को भी पूरा करना है। प्रदेष की वर्तमान सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर प्रदेष के किसानों का मजाक उडाया है जिसकी चर्चा कई महीनों तक चलती रही। इस वर्ष भी सरकार द्वारा खोले गये धान क्रय केन्द्रों की कारगुजारियों से धान किसानों ने परेषान होकर खुले बाजार में धान बेचना ठीक समझा। अब आलू किसान अपने आलू की कीमत लागत से भी कम पा रहा है जबकि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री लागत मूल्य से डेढ गुना देने का प्रचार प्रसार सिर्फ मीडिया और अखबारों के माध्यम से करने में व्यस्त रहते हैं।
रालोद प्रदेष अध्यक्ष ने कहा कि किसान मसीहा  चौधरी चरण सिंह के ही दिल में किसानों के प्रति दर्द था यही कारण है कि आज किसान उनकी याद कर रहा है और अपनी आषा को राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष  चौ0 अजित सिंह जी एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत  चौधरी जी से जोड रखा है। आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव में देष एवं प्रदेष का किसान किसान विरोधी ताकतों को मुंहतोड जवाब देने के लिए तैयार बैठा है।

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