मंत्रालय द्वारा दी गई सूचना,कांग्रेस सरकार के साढ़े चार वर्ष में हुए थे 8 हमले ,43 नागरिक मारे गए थे

नॉएडा – शहर के युवा समाजसेवी एवं अधिवक्ता श्री रंजन तोमर द्वारा ग्रह मंत्रालय भारत सरकार से सूचना के अधिकार द्वारा मांगे गए सवाल से कई चौंकाने वाले नतीजे सामने आये हैं , श्री रंजन तोमर ने आज की मोदी सरकार एवं इससे पहले की यूपीए  सरकार के बीच तुलनात्मक जानकारी एकत्रित करने के लिए देश के चार महानगरों दिल्ली , मुंबई , बेंगलुरु (जो अब महानगर बन चुका है ) एवं चेन्नई से सम्बंधित जानकारी मांगी थी जिसमें यह पूछा गया था के कांग्रेस के अंतिम साढ़े चार वर्ष एवं मोदी सरकार के साढ़े चार वर्ष में इन शहरों में कितने आतंकवादी हमले हुए और उनमें कितने आम नागरिक मारे गए , जवाब देते हुए जन सूचना अधिकारी श्री एस के चिकारा ने बताया के कांग्रेस शाशन में दिल्ली में चार आतंकवादी हमले हुए जिसमें 15 नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी ,मुंबई में एक हमला हुआ जिसमें 27 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा , बेंगलुरु में दो हमले हुए जिनमें कोई मृत्यु नहीं हुई ,चेन्नई में इस दौरान एक हमला हुआ जिसमें एक व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी। 

इसके बाद बारी आती है मोदी सरकार के साढ़े चार साल के शाशन की जिसका ब्यौरा देते समय जन सूचना अधिकारी कहते हैं के दिल्ली , मुंबई , चेन्नई एवं बेंगलुरु में इस दौरान एक भी आतंकवादी घटना नहीं हुई है जिस कारण एक भी नागरिक को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ी।  

यह बेहद चौंकाने वाला खुलासा है क्यूंकि मोदी सरकार को विपक्ष कश्मीर में  आतंकवाद न रोक पाने की बात कहकर घेर रहा है , ऊपर से  हाल ही में हारे गए चुनावों आदि से भी सरकार बैकफुट पर है , इस जानकारी के बाद अवश्य ही जनता का सरकार की आतंकवाद की बाबत नीतियों पर विश्वास बढ़ेगा क्यूंकि जनता सबसे पहले सुरक्षा मांगती है , राह चलते , मार्किट में सामान खरीदते हुए जाएं गंवाने का डर जब नहीं रहेगा तभी जनता खुद को स्वतंत्र मानेगी।  इस खबर से के बाद समाजसेवी रंजन तोमर ने कहा के देश को ग्रह मंत्री श्री राजनाथ सिंह का आभार प्रकट करना चाहिए जिनकी नीतियों के कारण हम सुरक्षित हैं ,एक सुरक्षित भारत ही समृद्ध भारत बन सकता है।  

पिछले सप्ताह ही प्रकाशित हुई  ‘वैश्विक आतंकवाद सूची  2018’ (वर्ल्ड टेररिज्म इंडेक्स 2018 )  में भारत आतंवाद पीड़ित देशों में सातवें नंबर पर स्थित  है , जिसमें प्रथम है इराक , फिर अफ़ग़ानिस्तान , नाइजीरिया ,सीरिया ,पाकिस्तान एवं सोमालिया , इस जानकारी के बाद हो सकता है अब देश पीड़ित देशों की इस सूची में पीछे चला जाए जो की देश की छवि के लिए भी अच्छा है और व्यापार आदि के लिए भी।  

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