श्री महालक्ष्मी यज्ञ एवं श्रीराम कथा का हुआ भव्य समापन

नोयडा-सेक्टर 82 स्थित निरंजनी अखाड़ा, ब्रम्हचारी कुटी में आयोजित श्री महालक्ष्मी यज्ञ एवं श्रीराम कथा के नौवें दिन यज्ञाचार्य महेश पाठक शास्त्री द्वारा पूजन उपरांत लक्ष्मी यज्ञ कराया गया और पूर्णाहुति देकर श्री महालक्ष्मी यज्ञ का समापन हुआ। श्री राम कथा के नौवें दिन कथा व्यास अतुल प्रेम जी महाराज ने आगे का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि बाली वध के बाद सुग्रीव का राज्याभिषेक होता है । सुग्रीव द्वारा सीता की खोज के लिए सेना को चारों दिशाओं में भेजा जाता। हनुमान जी समुद्र पार कर लंका जाते वहां वह सीता जी से मिलते है। हनुमान जी द्वारा लंका दहन किया जाता है। सेतु बन्धु रामेश्वरम की स्थापना के बाद लंका में राम जी की सेना का प्रवेश होता है। मेघनाद, कुम्भकर्ण के बाद अभिमानी रावण का अंत भगवान के बाण द्वारा होता है और वह कुल समेत भगवान के परमधाम को प्राप्त होता है। भगवान राम चौदह वर्ष के बाद अयोध्या पहुंचते हैं , पूरी अयोध्या में खुशियां मनाई जाती हैं।”  नर नारियों ने प्रेम के दीपक जलाएं हैं, चौदह वर्ष के बाद मेरे राम आये हैं “। भगवान राम का राज तिलक किया जाता है। कथा के बाद व्यास जी का विदाई समारोह किया गया और इसी के साथ श्रीराम कथा का विराम हो गया।
 संयोजक एवं मुख्य यजमान राघवेंद्र दुबे ने बताया कि श्रीराम कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। भगवान राम ने जिस तरह अपने गुरु, माता पिता, ऋषि मुनियों की आज्ञा को शिरोधार्य कर मर्यादा का हमेशा पालन किया हमे भी भगवान के जीवन चरित्र से शिक्षा लेने की जरूरत है। यज्ञ पर्यावरण को शुद्ध कर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है। 17 दिसंबर को 11 बजे से भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
 इस मौके पर महंत ओम भारती, संयोजक एवं मुख्य यजमान राघवेंद्र दुबे, देवेंद्र गुप्ता, सुशील पाल, शिवव्रत तिवारी, संजय पांडे, रवि राघव, हरि जी, पंडित संजय शर्मा, नीरज शर्मा, संदीप पाठक, सुभाष शर्मा,संजय शुक्ला, संतोष तिवारी, एस के मिश्रा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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