सी0बी0 पालीवाल का इस्तीफा प्रदेश की सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है 

लखनऊ 12 दिसम्बर। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार और प्रदेष की योगी सरकार के कार्यकाल में जनता के उत्पीड़न के साथ साथ विभागीय अधिकारियों का भी अनावष्यक उत्पीडन बढा है। सीबीआई की उथल पुथल के साथ साथ रिजर्व बंैंक के गर्वनर उर्जित पटेल का इस्तीफा जहां एक ओर केन्द्र सरकार की कूटनीति उजागर कर रहा है तो दूसरी ओर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष सी0बी0 पालीवाल का इस्तीफा प्रदेष की भाजपा सरकार की कार्यषैली पर प्रष्न चिन्ह लगा रहा है।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि देष के प्रधानमंत्री ने सीबीआई जैसी एजेन्सी की स्वयत्तता पर कुठाराघात करने का प्रयास किया। सी0बी0आई0 का इस्तेमाल लोगो पर अपना दबाव बनाने के लिए करने के कूचक्र ने केन्द्र सरकार को बेनकाब किया। ठीक उसी प्रकार रिजर्व बैंक आफ इण्डिया के गर्वनर उर्जित पटेल के इस्तीफे से केन्द्र सरकार के अनावष्यक दबाव की कहानी उजागर हो रही है। खबरों के मुताबिक रिजर्व बैंक के रिजर्व फण्ड से एक तिहाई धनराषि लगभग साढे तीन लाख करोड की मांग केन्द्र सरकार उर्जित पटेल से कर रही थी और इसी सन्दर्भ में इनकार करने पर धारा-7 के प्रयोग की धमकी दी गयी थी।
रालोद प्रदेष अध्यक्ष ने कहा कि मोदी की ही नीति पर चलकर योगी आदित्यनाथ ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष पर सरकारी नौकरियों से सम्बन्धित अनावष्यक दबाव बनाकर मनमानी करना चाहा जिसे सी0बी0 पालीवाल जैसे अधिकारी ने स्वीकार न करके पद से इस्तीफा दे दिया और आरोप लगाने के बजाय व्यक्तिगत कारणों का हवाला दे दिया। उन्होंने आगे कहा कि केन्द्र और प्रदेष की इन्हीं सब नीतियों का परिणाम है कि पडोसी राज्यों से भाजपा का सफाया हो रहा है और 2019 में पूरे देष से भारतीय जनता पार्टी का वास्तविक चेहरा सामने आ जायेगा जिसने देष में चारों ओर वर्ग संघर्ष के साथ साथ आपसी भाईचारे पर चोट की है।

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