38 झोलाछाप चिकित्सकों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज,अवैध संचालित क्लीनिक किये गये बन्द

सम्भल : सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत जनपद सम्भल निवासी श्री कुलदीप कुमार वाष्र्णेय ने, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सम्भल को आवेदन-पत्र देकर जानकारी चाही थी कि जिला सम्भल में झोलाछाप चिकित्सक (डाॅक्टरों) के विरूद्ध नियम के तहत क्या कार्यवाही की गयी है, यदि वर्तमान में किसी चिकित्सक द्वारा अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है, तो दोषी पाये जाने पर उसके विरूद्ध नियमानुसार क्या कार्यवाही की जाती है, आदि से सम्बन्धित बिन्दुओं की प्रमाणित छायाप्रतियाॅ उपलब्ध करायी जाये, परन्तु विभाग द्वारा वादी को कोई जानकारी नहीं दी गयी, अधिनियम के तहत सूचनाएं प्राप्त न होने पर वादी ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर प्रकरण की जानकारी चाही है।
राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने जनसूचना अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सम्भल को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की बिन्दुवार सभी सूचनाएं अगले 30 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से वादी को उपलब्ध कराते हुए, मा0 आयोग को अवगत कराये, अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये, परन्तु प्रतिवादी ने न तो वादी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की सूचना वादी को उपलब्ध करायी है, और न ही मा0 आयोग के समक्ष उपस्थित हुए है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिवादी जानबूझकर वादी को सूचना उपलब्घ नहीं करना चाहता है। इसलिए प्रतिवादी जनसूचना अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सम्भल को वादी को सूचना उपलब्ध न कराने का दोषी मानते हुए, उनके विरूद्ध आज की तिथि से रू0 250/- प्रतिदिन का अर्थदण्ड अधिरोपित किया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा रू0 25000/- (रू0 पच्चीस हजार) है।
डाॅ0 अमिता सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सम्भल उपस्थित हुई, उनके द्वारा बताया गया है कि 38 झोलाछाप चिकित्सको द्वारा अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन किया जा रहा था, जिनके विरूद्ध सम्बन्धित थानों में (इंडियन मेडीकल कौंसिल एक्ट व अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत एफआईआर) प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है, और उनकी क्लीनिक को बन्द करा दिया गया है, इस आशय की जानकारी प्रतिवादी ने मा0 आयोग को दी है।

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