2015 में विधानसभा चुनाव को छोड़कर हर चुनाव में आम आदमी पार्टी की हुई बुरी हार-मनोज तिवारी

नई दिल्ली, 28 नवम्बर।  दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी द्वारा मतदाता सूची से 10 लाख मतदाताओं के नाम कटने को लेकर दिल्ली विधानसभा में संकल्प प्रस्ताव पास करने पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि आने वाले लोकसभा चुनावों में अपनी हार को सुनिश्चित मान चुकी आम आदमी पार्टी पूर्णरूप से हताशा से घिर चुकी है कारण है कि गत कुछ वर्षो में हुये सभी चुनावों में पार्टी की गिरती लोकप्रियता व बार-बार जनता द्वारा नकारे जाने पर मुख्यमंत्री केजरीवाल भयभीत है। दिल्ली में साढ़े तीन वर्षो की नकामी को छुपाने और दिल्ली की जनता से किये अपने वायदे को पूरा न करने पर मतदाता सूची में गड़बड़ी का बहाना बनाकर केजरीवाल दिल्ली की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है।
श्री तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतदाता सूची से पहले 10 लाख नाम कटने की बात कहते हैं, फिर दो दिन बाद आंकड़ा बढ़ाकर उसे 15 लाख कर देते है और फिर ट्विटर पर झूठी अफवाह फैलाकर आकड़े में बढ़ोत्तरी कर 30 लाख बना देते है। अपने बयानों को बार-बार पलटने से ये साफ साबित होता है कि आम आदमी पार्टी की बातों में सच्चाई नहीं है और वह निरंतर तथ्यविहिन बाते करके मीडिया के बीच घटिया व सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए उल्टी-सीधी बयानबाजी करते है। चुनाव आयोग एक सवैंधानिक संस्था है जिसे लेकर आम आदमी पार्टी के नेता कहते है आयोग ने पूरी निरीक्षण प्रक्रिया का मजाक बना दिया है। राजनैतिक पार्टी का ऐसा बयान संविधान के संघीय ढ़ाचें पर हमले के समान है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाये वह कम है।
श्री तिवारी ने कहा कि मतदाता सूची में वर्ष 2015 से अब तक दिल्ली में कुल 10,68,023 मतदाताओं के नाम काटे गये है जबकि जोड़े गये मतदाताओं की संख्या 13,73,300 है यानि इस दौरान 3,05,277 नए मतदाता दिल्ली मतदाता सूची में शामिल हुये हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यकाल में 31 अगस्त की एक बैठक हुई थी, जिसमें मतदाता सूची को एक जनवरी 2019 तक पूरी तरह अपडेट करने के उपायों पर चर्चा की गई थी। इस बैठक में आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे और पंकज गुप्ता ने हिस्सा लिया था, लेकिन उनके द्वारा इस बैठक में नाम काटे जाने को लेकर कोई विरोध नहीं जताया गया।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की उल्टी-सीधी बयानबाजी कोई नई नहीं है, जब जनता इन्हें नकार देती है तो ये कहते है ईवीएम में गड़बड़ी है। आपने साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल में क्या किया जब जनता यह सवाल करती है तो दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर, दिल्ली में पानी के लिए खूनी संघर्ष, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर आपकी चुप्पी ये साबित कर देती है कि केजरीवाल सरकार हर स्तर पर विफल साबित हुई है जिसे जनता आगामी चुनावों में भी नकार देगी।

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