मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली की जनता का डाटा कलेक्ट करके उसको अपने निजी फायदे के लिए प्रयोग कर रहे हैं

नई दिल्ली, 10 जनवरी।  दिल्ली सरकार द्वारा स्कूलों के बच्चों और उनके अभिभावकों के एपिक नंबर, मोबाइल नंबर, नाम पता आदि की निजी जानकारी एकत्रित करने के विरोध में दिए गए चुनाव आयोग के आदेशों का उलंघन करने पर चुनाव आयोग ने दिल्ली सरकार को एक नोटिस जारी किया है जिसमे यह सारी  जानकारी तुरंत मुख्य निर्वाचन आयुक्त को वापिस जमा करवाने को कहा गया है। इस सम्बन्ध में पंत मार्ग स्थित दिल्ली भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसे दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता ने सम्बोधित किया। इस प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी श्री प्रत्युश कंठ, सह-प्रभारी श्री नीलकांत बख्शी एवं मीडिया प्रमुख श्री अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे।
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार शिक्षा निदेशालय ने 11 सितम्बर, 2018 को एक सर्कुलर जारी किया था जिसमे अभिभावकों की निजी जानकारी एकत्रित करने को कहा गया था और यह काम एक निजी एजेंसी द्वारा करवाया जाना था। उन्होंने कहा कि यह निजता के अधिकार का सीधा उलंघन है और इस निजी जानकारी का गलत प्रयोग करने की भाजपा ने आशंका जताई थी तो चुनाव आयोग ने दिल्ली सरकार को ऐसा करने से मना किया था।
श्री गुप्ता ने कहा कि चुनाव आयोग के आदेश के बाद मनीष सिसोदिया ने चुनाव आयोग बड़ी ही आपत्तिजनक भाषा में पत्र लिखा और कहा कि आप हमे यह करने से कैसे रोक सकते हैं, हम यह डाटा अभिभावकों से इसलिए ले रहे हैं कि हम ये पता कर सकें कि कहीं बच्चों का पता और अन्य जानकारी तो नहीं बदल गयी है।
श्री गुप्ता ने कहा कि 5 दिसम्बर, 2018 को भाजपा का विधायक दल इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग के अधिकारीयों से मिला था और पत्र लिखकर केजरीवाल सरकार की शिकायत की थी जिसके बाद उसी दिन चुनाव आयोग ने मनीष सिसोदिया द्वारा दी गयी जानकारी को नकारते हुए दिल्ली सरकार को पत्र लिखा और कहा कि स्कूल या किसी और एजेन्सी के माध्यम से दिल्ली सरकार ऐसा कोई डेटा इकट्ठा नहीं कर सकती यह केवल चुनाव आयोग का अधिकार है।
श्री गुप्ता ने कहा कि चुनाव आयोग के आदेश का खुला उल्लंघन कर रही है आम आदमी पार्टी की सरकार। दिल्ली सरकार द्वारा स्कूल के बच्चों से उनके अभिभावकों की जानकारी माँगी जिसके लिए चुनाव आयोग ने उन्हें ऐसा नहीं करने की हिदायत दी थी लेकिन आज भी दिल्ली सरकार द्वारा डेटा इकट्ठा हो रहा है और उसका दुरुपयोग झूठे फोन कॉल जैसे काम करने में कर रही है और चुनाव आयोग के आदेश का खुला उल्लंघन कर रही है।
श्री गुप्ता ने कहा कि चुनाव आयोग ने दिल्ली सरकार से 3 मुख्य बातें कही हैं –
1. चुनाव आयोग ने कहा कि व्यक्ति का एपिक डिटेल नहीं बदलता वह यथोचित रहता है। उसका व्यक्ति के पते से कोई सम्बन्ध नहीं है।
2. दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा 11 सितम्बर, 2018 को इस सम्बंध में जारी सर्कुलर को तुरंत रद्द किया जाए।
3. जो भी डेटा उन्होंने इकट्ठा किया है उसको तुरंत मुख्य निर्वाचन आयुक्त को वापिस जमा करवाया जाये। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाये कि यह जानकारी किसी के हाथ न लगे।
श्री गुप्ता ने चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन का संज्ञान लेते हुए कहा कि इससे 3 बाते साफ हो गयी हैं – पहली यह कि मनीष सिसोदिया ने जो कारण बताया था उसे चुनाव आयोग ने नकार दिया है कि एपिक डिटेल का एड्रेस से कोई सम्बन्ध नहीं है। दूसरा ये कि यह जानकारी वे आगे नहीं ले सकते और तीसरी ये कि जो जानकारी इकट्ठी की है उसे जब्त किया जायेगा और तुरंत मुख्य चुनाव आयुक्त को वापस दिया जाये।
श्री गुप्ता ने कहा कि हमारी मांग है कि गलत उद्देश्य से लोगों को प्रताड़ित करने के लिए ली गयी जानकारी का दुरूपयोग करने पर आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह जब्त किया जाये और इस पार्टी की मान्यता खत्म की जाये।
इस मुद्दे पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार हर वो काम कर रही है जिससे लोगों को भ्रम में डाल कर के, नीतियों और कानून का उलंघन करके अपने को खड़ा रखें। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में हमारी ये जागरूकता इनके झूठतंत्र को रोकने में कामयाब होगी। श्री तिवारी ने कहा कि हमसे इस सम्बन्ध में नजाने कितने अभिभावकों ने, विद्यार्थियों ने अपनी बातें साझा की और वह ये बताते हुए बहुत दुखी दिखे कि जबरन आम आदमी पार्टी लोगों को प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली की जनता का डाटा कलेक्ट करके उसको अपने निजी फायदे के लिए प्रयोग कर रहे हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि स्कूल के बच्चों से उनकी और उनके अभिभावकों-रिश्तेदारों की एपिक डिटेल, मोबाइल नंबर आदि की जानकारी लेने के सम्बन्ध में ये जो आर.टी.आई. निकली है, जो नोटिफिकेशन आया है उसके माध्यम से हमने निश्चय किया है कि ऐसी बातें लोगों को बताई जाएँ, क्योंकि कभी-कभी लोगों के ध्यान से निकल जाती है।
श्री मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी द्वारा बुधवार को की गयी प्रेस वार्ता का जिक्र करते हुए बताया कि आम आदमी पार्टी ने वार्ता में कहा है कि हाँ हम फोन कर ही रहे हैं। श्री तिवारी ने कहा कि उन्होंने ये तो मान लिया है कि वो फोन कर रहे हैं लेकिन अब सवाल ये उठता है कि क्या वोट कटवाने और जुड़वाने का काम कोई व्यक्तिगत स्तर पर कर सकता है क्या? नहीं कर सकता। उन्होंने बताया कि यह चुनाव आयोग की एक प्रक्रिया है, उसी के तहत ही वोट जुड़ सकता है और वोट कट सकता है।
श्री तिवारी ने कहा कि केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुये कहा था कि 30 लाख वोट दिल्ली से काट दिये गये हैं लेकिन इसके विपरीत चुनाव आयोग ने बयान जारी कर कहा कि 1.5 लाख नये मतदाता सूची में शामिल किये गये हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के लोग लोगों को फोन करके उनके वोट काटने का आरोप बीजेपी पर लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि केजरीवाल ने जुड़वा दिया है।
श्री तिवारी ने कहा कि क्या अब मुख्यमंत्री का काम पानी, बिजली देना, परिवहन व्यवस्था ठीक करना, सीसीटीवी लगवाना नहीं, दिल्ली में विकास का काम नहीं है, अब दिल्ली के मुख्यमंत्री का काम हवा में जो वोट कटा है उसको जुड़वाना रह गया है ?
श्री तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग ने जो सर्कुलर जारी किया है उसका कनेक्शन लोगों को आ रहे फोन से है। जो डाटा लिया जा रहा है उसका अधिकार ही उन्हें नहीं है केवल लोगों को प्रताड़ित करने के लिए लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकतर फोन उन्ही को आ रहे हैं जिन्होंने स्कूल में अपनी निजी जानकारी देने का विरोध किया था।
श्री तिवारी ने हर्ष विहार में लोगों की सीवर की मांग का जिक्र करते हुए कहा कि जिन सीवर का हमने राष्ट्रपति शासन के दौरान उद्घाटन किया था वो 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद बंद कर दिए गए। उन्होंने मीडियाकर्मियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर आप हर्ष विहार जायेंगे तो वहां के लोगों के मुँह से अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ बददुआएं निकल रही हैं। उन्होंने बताया कि सारी गलियां खोद दी गयी हैं और उसको ठीक करने के लिए कमीशन मांगी जा रही है।
अंत में श्री मनोज तिवारी ने कहा कि हम चुनाव आयोग तक जायेंगे और इनकी सारी कमियों की चर्चा करेंगे और आम आदमी पार्टी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक अभिभावकों को और दिल्ली की जनता को न्याय न मिल जाये।

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