कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर एमिटी में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन

लखनऊ 01 फरवरी 2019- कृत्रिम बुद्धिमत्ता की अत्याधुनिक तकनीकी के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए एमिटी इंस्टीट्यूट आॅफ इंफारमेशन टेक्नोलाॅजी, एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर में आयोजित दो दिवसीय ‘कृत्रिम बौद्धिकता: शोध, नवोन्मेष एवं इसके प्रयोग’ राष्ट्रीय सम्मेलन सीएआईआरआईए-2019 का आज समापन हो गया।

सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित प्रथम सत्र में चर्चा का विषय इंटीग्रेशन एण्ड एप्लिकेशन आॅफ आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस रहा। जिस पर आईईटी लखनऊ के कम्प्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर कर्मवीर आर्य ने चर्चा करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न उपकरणों में एआई का उपयोग निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। आम जीवन में हम देखें तो हमारे हाथ में थमे स्मार्ट फोन में भी अब एआई तकनीकी का उपयोग होने लगा है। इसके बढ़ते उपयोग को देखते हुए इनसे जुड़ी चुनौतियां भी बढ़ रही हैं जिसके लिए हमें तैयार होना होगा। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस तकनीकी में इमेज प्रोसेसिंग और इस तकनीकी के समन्वीकरण पर जोर देते हुए भविष्य की तकनीकी के लिए छात्रों को तैयार रहने के लिए कहा।

सम्मेलन में आईईटी यूके, इंडिया के श्री राघवन और विजय कुमार ने भी व्याख्यान दिए। श्री राघवन ने इंटरनेट आॅफ थिंग्स के भविष्य की संभावनाओं और उसके महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं श्री विजय कुमार ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए छात्रों को सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी तकनीकी में अपने कौशल का विकास करने के लिए कहा। उन्होंने इंटरनेट आॅफ थिंग्स आधारित उपकरणों के बारे में भी चर्चा की। सम्मेलन में युवा इंटरप्रेन्योर के तौर पर अमित सेन गुप्ता ने सम्बोधित करते हुए मशीनों के सीखने की क्षमता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर अपने अनुभव बांटे।

सम्मेलन के दौरान एमिटी इंस्टीट्यूट आफ इनफारमेशन टेक्नोलाॅजी के ब्रिगेडियर यू.के. चोपड़ा, डाॅ. एस.के. सिंह, प्रोफेसर संजय कुमार द्विवेदी एवं डाॅ. पंकज के गोस्वामी उपस्थित रहे।

सम्मेलन के दौरान सम्मेलन के तकनीकी सहयोगियों, कम्प्यूटर सोसाइटी आॅफ इंडिया के चेयरमैन राकेश पुरी, आईईटी-यूके इंडिया के मेम्बरशिप एवं पार्टनर शिप विभाग के विभागाध्यक्ष श्री राघवन को सम्मानित भी किया गया।

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