पिछले 45 दिनों में 331 लोग मौत की नींद सो गये और सोती रही केजरीवाल सरकार-मनोज तिवारी

नई दिल्ली, 17 जनवरी।  दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने दिल्ली में ठंड से हो रही गरीब, बेघरों की मौत पर सेंटर फॉर हॉलिस्टिक डिवेलपमेंट की एक रिपोर्ट को लेकर प्रेसवार्ता की। इस प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी श्री प्रत्युष कंठ, सह-प्रभारी श्री नीलकांत बख्शी एवं प्रमुख श्री अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे।

प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुये श्री मनोज तिवारी ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में जैसे ही सर्दी आती है तो वह बेघर लोगों के जीवन पर कहर बनके टूटती है। हर साल केवल दिसम्बर में ही 200 से ज्यादा जाने चली जाती हैं। हाल ही में ब्भ्क् संस्था की एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट ने सनसनी मचा दी है। सेंटर फॉर हॉलिस्टिक डिवेलपमेंट (ब्भ्क्) की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पिछले 45 दिनों में 331 लोगों की जान जा चुकी है। आंकड़ों के अनुसार, जनवरी के इन 14 दिनों के भीतर ही 96 लोगों की जान जा चुकी है और आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। नॉर्थ दिल्ली में 23 बेघरों की जान जा चुकी है, जो सबसे ज्यादा है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि दिल्ली में बेघर लोगों को आश्रय देने का कार्य दिल्ली सरकार के शेल्टर बोर्ड का है। हाल ही में शेल्टर बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार बेघर लोगों को सर्दी से बचाने के लिए उन्होंने 200 से ज्यादा शेल्टर होम बनाये हैं। लेकिन उन शेल्टर होम की वास्तविक हालत के बारे में भी मीडिया में क्या दिखाया गया वो हम सबने देखा। इस सब के बावजूद मुख्यमंत्री केजरीवाल शेल्टर होम के नाम पर करोड़ों रुपये का प्रचार करने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार हर मोर्चे पर विफल तो है ही इसके साथ-साथ इन बेघर लोगों के मौत की जिम्मेदार भी आम आदमी पार्टी की निकम्मी सरकार है।

श्री तिवारी ने संस्था के आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि जबसे दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई है तबसे हर साल केवल दिसम्बर के महीने का आंकड़ा देखें तो 250 से ज्यादा जाने चली जाती हैं। वर्ष 2015 दिसम्बर में 251 बेघर लोगों की जानें गयी, 2016 दिसम्बर में 235, 2017 दिसम्बर में 250 और 2018 दिसम्बर में 235 बेघर लोगों की जान गयी। यह आंकड़ा अगर पूरे वर्ष का देखें तो 2015 में कुल 3,222 लोग, 2016 में 3,398 जबकि 2017 में 2,979 और 2018 में 3,289 बेघर लोग मौत की नींद सो गये।

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