गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का सरकार का निर्णय सराहनीय: राजीव रंजन

पटना, जनवरी 8, 2019: कल गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10% का आरक्षण देने के कैबिनेट के फैसले की सराहना करते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने कहा “ मजबूत निर्णयों के लिए पहचाने जाने वाली मोदी सरकार ने सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देकर सबका साथ, सबका विकास की दिशा में काफी अहम अहम कदम उठाया है. इससे आर्थिक रूप से कमजोर अनारक्षित वर्ग के उन लोगों को लाभ मिलेगा, जो मौजूदा व्यवस्था के तहत हाशिए पर चले गए थे. खास बात यह है कि यह एक ऐसा आरक्षण है जिसे किसी से छीन कर नहीं दिया जा रहा है. दलितों और पिछड़ों को दिया जाने वाला 49.5 प्रतिशत का आरक्षण जस का तस रहेगा और संविधान संशोधन कर के इसमें 10% अलग से जोड़ा जाएगा जिससे आरक्षण का दायरा बढ़ कर 59.5% हो जाएगा. याद रहे कि अभी तक 150 से अधिक संविधान संशोधन हो चुके हैं, जो समयानुसार जरूरी होता है. सरकार की इस पहल की दूसरी खासियत है कि इसका लाभ हिन्दू-मुस्लिम-सिख-इसाई सभी को मिलना है, जो सरकार के सबका साथ-सबका विकास के संकल्प को पुष्ट करता है. यह आम धारणा है कि सवर्ण का मतलब होता है समर्थ लेकिन यह सही नहीं है. गरीब की कोई जाति नही होती. सवर्णों में भी आर्थिक रूप से कमजोर लोग हैं जो आंकड़ों से भी साबित हो चुका है. इसके अलावा याद करें तो पहले की सरकारों की लगातार उपेक्षा कृषि और रोजगार का क्या हाल था? कांग्रेस के कारण लंबे समय तक देश की ख़राब आर्थिक स्थिति से निपटने के लिए अन्य समाजों के पास तो आरक्षण का सहारा रहा लेकिन सवर्णों को वह सुविधा भी उपलब्ध नही थी, जिसके कारण बीते समय में सवर्ण समाज के गरीबों की हालत और खस्ता हो गयी थी. सामाजिक विशेषज्ञों की माने तो कांग्रेस की लगातार उपेक्षा से सवर्ण समाज का एक हिस्सा पिछड़े समाज के लोगों के समान हो चुका है, जिसकी पुष्टि सवर्ण आयोग की रिपोर्ट भी करती है. सरकार के इस निर्णय का समाज के विकास पर दूरगामी असर पड़ेगा. सरकार के इस कदम से अब सवर्ण जाति के गरीबों विशेषत: युवाओं के लिए अब नए मौके निकल कर आएंगे.”

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