सरकार की विकासपरक योजनायें बना रही हैं सफलता के नए कीर्तिमान: राजीव रंजन

पटना:  आम जनों के विकास के लिए चलायी जा रही सरकारी योजनाओं की लोकप्रियता में निरंतर वृद्धि होने की बात कहते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन सरकार की प्रमुख योजनाओं के हालिया आंकड़े पेश किए. उन्होंने कहा “ साफ़ नियत सही विकास के संकल्प के तहत केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही 130 क्रांतिकारी योजनायें आज देश में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है.

आम जनों की जिंदगी में अभूतपूर्व बदलाव लाने वाली इन योजनाओं के प्रति आज जन-जन के मन में एक गजब का विश्वास दिख रहा हैयही वजह है कि इन योजनाओं की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. लोगों को स्वरोजगार दिलाने के चलायी जा रही मुद्रा योजना की बात करें तो अभी तक इस योजना के तहत 14.46 करोड़ से अधिक लोगों के बीच 7.01 लाख करोड़ रु की राशि वितरित हो चुकी हैवहीं वितीय समावेशन के क्षेत्र में क्रांति लाने वाली जन-धन योजना के तहत अभी तक 33.30 करोड़ से अधिक लोगों को बैंकिंग सुविधा से जोड़ा जा चुका है.

महिलाओं को रसोई के जानलेवा धुंए से मुक्ति दिलाने के लिए चलायी जा रही उज्ज्वला योजना की लोकप्रियता किसी से छिपी नही है. अभी तक इस योजना के तहत 5.80 करोड़ महिलाओं को निशुल्क रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैंजबकि सौभाग्य योजना से 2.11 करोड़ घरों को बिजली से जोड़ा जा चुका है. इसके अलावे देश के तकरीबन 50 करोड़ लोगों को 5 लाख की सालाना निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए अभी हाल में ही में शुरू किए गए आयुष्मान योजना के तहत 10 लाख से ज्यादा लोगों को सत्यापित कर उन्हें गोल्डन कार्ड’ प्रदान किया जा चुका है.

इस योजना के तहत अभी 3.79 लाख मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है. रंजन ने आगे कहा “ सरकार की इन योजनाओं की सफलता की सबसे बड़ी वजह सरकार का पूरी तरह पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त होना है. आज पहले की तरह न तो सरकार की योजनाएं लक्ष्य से अटकती और भटकती है और न तो इनमे बिचौलिया तंत्र हावी हो पा रहा है.

आज  सरकार में हर फैसले और कामकाज की एक निश्चित प्रक्रिया हैजिसकी खुद प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी अपने स्तर से समय-समय समीक्षा करते रहते हैं तथा साथ ही इन योजनाओं में तकनीक के इस्तेमाल के कारण आम आदमी भी बखूबी नजर रख सकता है. इन योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने से ही सरकार को अभी तक 90 हजार करोड़ की बचत हो चुकी है जो किसी राज्य के सालाना बजट से भी ज्यादा है.

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