स्वाभिमान भारत की कल्पना करना असंम्भव: सत्यदेव पचौरी

लखनऊ:  प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग, वस्त्र व रेशम उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निर्यात प्रोत्साहन एवं हथकरघा मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति का उत्थान किये बगैर स्वाभिमानी भारत की कल्पना करना असम्भव है। सरकार इस समाज के उत्थान के लिए अनेकों योजनाएं संचालित की है। साथ ही परम्परागत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना शुरू की है। दो जिले कानपुर एवं आगरा चमड़े के उत्पाद के लिए चयनित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि एससी/एसटी से उद्योग लगाने के लिए 05 वर्ष तक कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा, बशर्ते कि उन्हें उद्योग को चलाना होगा।

श्री पचौरी आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में डेवलपिंग इण्डियन चैम्बर आॅफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री (नार्थ) द्वारा दलित उद्यमियों के लिए आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम की शुरूआत दलित उद्यमियों को सम्मानित करके की। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उपेक्षित, पिछड़े वर्ग तथा महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए रोजगारपरक सभी योजनाओं में विशेष मार्जिन की सुविधा दी है। इसी प्रकार हर छोटे उद्यमियों को योजनाओं के माध्यम से कर्ज दिलाया जा रहा है तथा प्रधानमंत्री रोजगार लोन में अनुसूचित जाति को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के उद्यमियों द्वारा निर्मित उत्पाद की आपूर्ति भी कराई जायेगी तथा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए माटी कला बोर्ड एवं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना भी लाई जा रही है।
कार्यक्रम में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत करते हुए कहा कि डिक्की (नार्थ) के उद्यमी समाज के अंतिम पायदान से आते हैं, इनके उत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। देश के प्रधानमंत्री भी चाहते हैं कि अनु0जाति/जनजाति समाज के लोग स्वावलम्बी ही न बने, बल्कि उद्योग/धन्धों के क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित करें। इस समाज के उत्थान के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार ने बहुत सी योजनाएं चलाई हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इण्डिया, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजनाओं में विशेष हब बनाकर इन्हें प्रोत्साहित किया जायेगा।
श्रम मंत्री ने कहा कि उद्योग क्षेत्र में प्रवेश करना एक बड़ी चुनौती है, फिर भी इस समाज ने इस चुनौती को स्वीकार किया है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में सरकार इनको सहयोग देगी, क्योंकि विश्व के साथ प्रतिस्पर्धा में भारत को खड़ा करने के लिए सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक और वाणिज्यिक विकास को ध्यान में रखते हुए, इस क्षेत्र में आरक्षण की आवश्यकता है। कुछ प्रदेशों में ठेकेदारी व्यवस्था में भी इन्हें आरक्षण मिला है। उन्होंने कहा कि डिक्की (नार्थ) की मांगों पर सकारात्मक विचार किया जायेगा।
डिक्की (नार्थ) के अध्यक्ष आर0के0 सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के स्टैण्ड-अप इण्डिया, डिजिटल इण्डिया, ओ0डी0ओ0पी0 में एससी/ एसटी उद्यमियों हेतु इन्डस्ट्रियल हब बनाये जाने के सपने को साकार करने के लिए डिक्की (नार्थ) मांग करती है कि प्रदेश में स्थापित उद्योगों को लाभ प्राप्त हो, इसके लिए सरकारी विभागों/निगमों में होने वाली खरीद का 50 प्रतिशत अंश इन्हीं उद्योगों से क्रय किया जाये। अनुसूचित जाति के उद्यमियों को निविदाओं में अर्नेस्ट मनी जमा करने से पूर्ण छूट दी जाये। अनुबंध के समय जमा होने वाली धरोहर राशि को एक प्रतिशत किया जाये। जिला उद्योग, यू0पी0 एस0आई0डी0सी0, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना ऐक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास क्षेत्र में इन उद्यमियों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की जाये। औद्योगिक प्लाट लागू दर से 50 प्रतिशत की दर पर दिये जाये तथा ऐसे प्लाट को खरीदने के लिए 04 प्रतिशत ब्याज की दर से 25 वर्ष के लिए लोन भी दिया जाये। इसी प्रकार खरीददारी में 10 प्रतिशत इन उद्यमियों से खरीदा जाये तथा ठेकेदारी में 20 प्रतिशत कार्य इनके ठेकेदारों से कराया जाये। पं0 दीन दयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना में लाभार्थी को 25 लाख रुपये तक का ऋण बैंक से दिलाये जाने की मांग की गयी।
कार्यक्रम में विभागीय अधिकारियों के साथ डिक्की (नार्थ) के उद्यमी उपस्थित थे।

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