रेल मंत्रालय ने 1791 बच्चों को मानव तस्करी से बचाया, आर टी आई से हुआ खुलासा

नॉएडा – युवा समाजसेवी एवं अधिवक्ता श्री रंजन तोमर द्वारा लगाई गई एक आर  टी आई से कुछ बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं , श्री तोमर ने रेल मंत्रालय से यह जानकारी मांगी थी के पिछले दस वर्षों में कितने बच्चों को जिन्हे जबरन भीख मांगने के लिए मजबूर किआ जाता है एवं उनकी तस्करी की जाती है को आर पी एफ (रेलवे प्रोटेक्शन फाॅर्स )  और जी आर पी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस ) ने पकड़ा है।  इसका जवाब देते हुए  सुरक्षा निदेशालय , रेलवे बोर्ड  के पास 2014 से जनवरी 2019 तक की ही जानकारी उपलब्ध है , जिसके अनुसार कुल 1791 बच्चों को मानव तस्करी से बचाया गया है जिसमें 1263 लड़के हैं जबकि 528 लड़कियां हैं।

 ड्रग्स और हथियारों के बाद ह्यूमन ट्रैफिकिंग दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑर्गनाइज़्ड क्राइम है ,80% मानव तस्करी जिस्मफ़रोशी के लिए होती है ,  एशिया की अगर बात करें, तो भारत इस तरह के अपराध का गढ़ माना जाता है, ऐसे में हमारे लिए यह सोचने का विषय है कि किस तरह से हमें इस समस्या से निपटना है।  मानव तस्करी में अधिकांश बच्चे बेहद ग़रीब इलाकों के होते हैं मानव तस्करी में सबसे ज़्यादा बच्चियां भारत के पूर्वी इलाकों के अंदरूनी गांवों से आती है।   अत्यधिक ग़रीबी, शिक्षा की कमी और सरकारी नीतियों का ठीक से लागू न होना ही बच्चियों को मानव तस्करी का शिकार बनने की सबसे बड़ी वजह बनता है इस कड़ी में लोकल एजेंट्स बड़ी भूमिका निभाते हैं ये एजेंट गांवों के बेहद ग़रीब परिवारों की कम उम्र की बच्चियों पर नज़र रखकर उनके परिवार को शहर में अच्छी नौकरी के नाम पर झांसा देते हैं। ये एजेंट इन बच्चियों को घरेलू नौकर उपलब्ध करानेवाली संस्थाओं को बेच देते हैं. आगे चलकर ये संस्थाएं और अधिक दामों में इन बच्चियों को घरों में नौकर के रूप में बेचकर मुनाफ़ा कमाती हैं।   ग़रीब परिवार व गांव-कस्बों की लड़कियों व उनके परिवारों को बहला-फुसलाकर, बड़े सपने दिखाकर या शहर में अच्छी नौकरी का झांसा देकर बड़े दामों में बेच दिया जाता है या घरेलू नौकर बना दिया जाता है, जहां उनका अन्य तरह से और भी शोषण किया जाता है।  साथ ही वहां न स़िर्फ उनके साथ मार-पीट की जाती है, बल्कि अन्य तरह के शारीरिक व मानसिक शोषण का भी वे शिकार होती हैं।  न स़िर्फ घरेलू नौकर, बल्कि जिस्मफ़रोशी के जाल में भी ये बच्चियां फंस जाती हैं और हर स्तर व हर तरह से इनका शोषण होने का क्रम जारी रहता है।

ऐसे में समाजसेवी रंजन तोमर ने यह मांग की है के रेलवे  विशेष अभियान चलाये जिससे हर प्रकार की मानव तस्करी को रोका जा सके।  ज़रूरत पड़े तो संसद कानूनों में ज़रूरी बदलाव भी लाये जिससे इस प्रकार के घिनोने कृत्य करने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जा सके।

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