किसानों को एक बार पुनः केन्द्र सरकार धोखा देने के आकडे प्रस्तुत कर रही है-डाॅ0 मसूद अहमद

लखनऊ 1 फरवरी। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पर टिप्पणी करते हुये कहा कि यह अंतरिम बजट लोकसभा चुनाव 2019 को ध्यान में रखकर लोकलुभावन स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है परन्तु देष के किसानों को एक बार पुनः केन्द्र सरकार धोखा देने के आकडे प्रस्तुत कर रही है। उ0प्र0 में किसान कर्जमाफी की योजना में किसानों को डेढ और दो रूपये के चेक देकर किसानों को उपहास करने का प्रयास किया गया। बजट के अनुसार दो हेक्टेयर वालों किसानों के खातों में सालाना 6 हजार रूपये जाने की घोषणा करके एक बार पुनः लघु और सीमांत किसानों को ठगने की बात कर रहे हैं।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि बजट में कही भी खाद और उर्वरक सस्ते करने का जिक्र नहीं है साथ ही साथ किसानों की सिचाई के लिए टयूबवेल का विद्युत मूल्य कम होने जैसी कोई घोषणा नहीं है। खेतों की जुताई मंे प्रयोग होने वाले टेªक्टर तथा अन्य कृषि यंत्रों की खरीद में न्यूनतम ब्याज की घोषणा नहीं है। सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंषन योजना आसान बनाने की बात कहकर कर्मचारियों को लुभाने की कोषिष की जा रही है इसी प्रकार में महिलाओं के लिए कोई विषेष घोषणा नहीं है स्वास्थ्य के सन्दर्भ में केवल बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बात कहकर पल्ला झाड लिया गया है जबकि केन्द्र सररकार के सम्पूर्ण कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाओं का रिपोर्ट कार्ड प्रत्येक दृष्टि से फिसडडी है। आवागमन का मुख्य साधन रेलवे में सुरक्षा सम्बन्धी गारण्टी देखने को नहीं मिलती है जबकि इस सरकार चार वर्ष पूर्व देषवासियों को बुलेट ट्रेन का सपना दिखाया था। परिणाम यह रहा कि देष में चलने वाली रेलगाडियों में सुरक्षा सम्बन्धी मानक खरे नहीं उतरे।
रालोद प्रदेष ने कहा कि देष की जनता केन्द्र की भाजपा सरकार की कार्यकुषलता भली प्रकार देख चुकी है और किसी भी क्षेत्र में जनता की दृष्टि से यह सरकार जनहित में नहीं है। सरकार की आर्थिक नीतियां प्रत्येक मोर्चे पर विपल रही है इसलिए भविष्य में सफलता के प्रति संदेह है।

Facebook Comments