वर्षों से चली आ रही गरीब सवर्णों को आरक्षण की मांग को प्रधानमंत्री मोदी जी ने ही स्वीकारा-मनोज तिवारी

नई दिल्ली, 08 जनवरी।  दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने केन्द्र सरकार के आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने पर व संसद में एन.आर.सी पर कांग्रेस पार्टी का विरोध करने एवं केजरीवाल द्वारा दिल्ली की जनता के बीच एक मिनट में वोट कटने और एक मिनट में वोट जुड़ने के झुठ के दुष्प्रचार को लेकर प्रेसवार्ता की। इस प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी श्री प्रत्युष कंठ, सह-प्रभारी श्री नीलकांत बक्शी एवं प्रमुख श्री अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली भाजपा केबिनेट के इस फैसले का तहेदिल से स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. की टीम इतिहास में सदैव याद की जाएगी जिसने एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी., महिला सबके अपने आरक्षण को संरक्षित रखते हुये आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया। आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के आरक्षण की माँग लम्बे समय से चल रही थी। जिसे माननीय श्री नरेन्द्र मोदी ने ही पूरी किया है। इस ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का हमे कोटि-कोटि धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व से अनुसूचित जाति एवं जनजाति को 22.5 प्रतिशत और ओ.बी.सी. को 27 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है।  यह यथावत रहेगा और इसमें किसी प्रकार की कोई कटौती नहीं होगी।
श्री तिवारी ने कहा कि यूपीए की सरकार ने भी 2006 में सामजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के अंतर्गत ईडब्लूएस केटेगरी के लिए एक कमीशन बनाया था जिसने 2010 में एक रिपोर्ट दी थी जिसके अनुसार गरीबों को आरक्षण देने की बात कही गई थी लेकिन कांग्रेस की मामलों को लटका कर जाति आधारित राजनीति करने की आदत की वजह से उन्होंने गरीब सवर्णों को आरक्षण नहीं दिया था। लेकिन समाज के हर वर्ग के विकास के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है और यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी ही ले सकते थे।
श्री तिवारी ने कहा कि गरीबी जाति देख कर नहीं आती और जिन कारणों से सवर्णों में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग पीछे रह गए थे जो गरीबी के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहे थे, उनका हक उनको पिछले 70 साल से नहीं मिल पा रहा था, केबिनेट के इस फैसले के बाद आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को भी उनका हक मिल सकेगा।
श्री मनोज तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार सबका साथ-सबका विकास के मन्त्र को लेकर आगे बढ़ रही है। जिसका अर्थ है समाज के हर वर्ग चाहे वह दलित हो, पीड़ित हो, शोषित हो, गरीब हो, महिला हो, वृद्ध हो या युवा हो सभी के विकास से ही देश के विकास को गति मिल सकती है। उन्होंने कहा कि सबके विकास से ही देश आगे बढ़ेगा। इस फैसले के बाद गरीब सवर्ण भी अपने सामर्थ्य से देश के विकास में अपना योगदान दे सकेंगे।  उन्होंने कहा कि इस फैसले से सवर्णों को बड़ी राहत मिलेगी। जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण पिछड़ गए थे अब उन्हें भी शिक्षा और नौकरी में 10 प्रतिशत का आरक्षण मिलेगा।
श्री तिवारी ने कहा कि एक मजबूत नेतृत्व वाली सरकार ही ऐसे कड़े फैसले लेकर सभी वर्गों के विकास को प्राथमिकता दे सकती थी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ही वो व्यक्ति हैं जो कड़े फैसले लेकर जनता के विकास को प्राथमिकता देते हैं। वर्षों बाद देश को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो हर गरीब की चिंता करता है चाहे वह किसी भी वर्ग या जाति का हो। यह गरीबों की सरकार है जो गरीबों के विकास के साथ देश का विकास चाहती है और उसके लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस फैसले मैं आशा करता हूँ कि विपक्ष भी गरीब सवर्णों की भावनाओं का सम्मान करेगा और उनके विकास में उठाये गए सरकार के इस कदम को समर्थन देगा।
श्री तिवारी ने कहा कि आज संसद में एन.आर.सी. एमेन्डमेन्ट बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस पार्टी का विरोध यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस के लिए देश हित नहीं अपितु राजनीति सर्वोपरी है जिसके अन्तर्गत कांग्रेस असम में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों के संरक्षण के लिए सरकार के विरोध में खड़ी है। दिल्ली में अवैध रूप से पिछले कुछ समय में रोहंगिया भी बड़ी संख्या में घुस आये हैं। पहले बंग्लादेशी और अब रोहंगिया की दिल्ली में घुसपैठ के चलते जहां एक ओर दिल्ली के मूल नागरिकों के विकास के अधिकार पर आघात होता है वहीं इनका दिल्ली की कानून व्यवस्था बिगाड़ने में भी हाथ रहा है। उन्होंने मांग की है कि केन्द्र सरकार दिल्ली में रोहंगिया एवं बंग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करने और देश के अन्य भागों की तरह यहां से भी निकालने के लिये कार्यवाही करना चाहती है, सरकार घुसपैठियों पर सख्त रवैया अपनाते हुये उन्हें चिन्हित कर उनके अपने देश भेजना चाहती है लेकिन कांग्रेस उनके अधिकारों का हवाला देकर केवल राजनीति कर रही है।
श्री तिवारी ने एक ओडियों क्लीप पत्रकार सम्मेलन में जारी करते हुये बताया कि पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के नागरिकों के निजता के अधिकार का उल्लघंन करते हुये स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों के परिवार का वोटर आई.डी. कार्ड की जानकारी मांगी, केजरीवाल के इशारे पर दिल्ली की जनता के बीच आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता फोन कर उन्हें एक मिनट में वोट कटने की जानकारी देते है और वोट कटने की वजह बताते है कि भाजपा ने उनका वोट कटवा दिया लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल उनका नाम वोटर लिस्ट में दुबारा जुड़वा रहे है। केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुये कहा कि 30 लाख वोट दिल्ली से काट दिये गये हैं लेकिन इसके विपरीत चुनाव आयोग ने बयान जारी कर कहा कि 1.5 लाख नये मतदाता सूची में शामिल किये गये हैं। केजरीवाल इस तरह के झूठ के दुष्प्रचार का सहारा लेकर दिल्ली में जा रही अपनी सत्ता को बचाने के लिए दिल्ली की जनता को गुमराह कर रहे है।

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