उत्तर प्रदेश सरकार, जनमानस को गुणवत्ता परक चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है

लखनऊ: दिनांक: 21 जनवरी, 2019 प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने निर्देश दिये हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार, जनमानस को गुणवत्ता परक चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है एवं सतत प्रयासरत है । माननीय चिकित्सा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथेनिंग परियोजना द्वारा प्रदेश के 51 जिला स्तरीय चिकित्सालयों की सेवा स्तर में समानता लाने एवं व्यापक रूप से उन्नयन करने हेतु कोम्प्रहंसिव हॉस्पिटल रेवंपिंग परियोजना का शुभारंभ नवम्बर २०१७ में किया गया था । इस कार्य का मुख्य उद्देश्य चिकित्सालयों में प्रदान की जा रही सुविधाओं में गुणात्मक सुधार, मरीजों की संतुष्टि एवं सुरक्षा तथा मानकीकरण है।
इस कार्यक्रम में चिकित्सालयों के पुनरुद्धार के लिए अति आवश्यक संसाधनों, गुणवत्ता आश्वासन एवं पर्यावरण प्रबंधन को द्रष्टिगत रखते हुए कार्य को मूर्त रूप प्रदान करने हेतु कुल 109 व्यावहारिक बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया है जिनमे मुख्यतः सिविल, उपार्जन, कार्यप्रणाली सुधार, रोगी एवं कर्मचारियों की सुरक्षा, रोगी की संतुष्टि एवं चिकित्सालय के परिवेश में अभ्युथान इत्यादि सम्मिलित हैं। इन सभी बिन्दुओं को समाहित करते हुए दिनांक 12.12.2017 को शासनादेश भी जारी किया जा चुका है। सरंचनात्मक सुधार हेतु यूपीएचएसएसपी द्वारा आधारभूत सरंचनाओं एवं कार्यप्रणाली में रिक्तता का आंकलन करवाते हुए सिविल एवं आवश्यक उपार्जन का कार्य संपादित करवाया जा रहा है जिसमें विभिन्न विभागों का सुढ़ृधिकरण, वाह्य आवरण का रंग-रोगन, शौचालयों का निर्माण, प्रतीक्षा स्थलों की मरम्मत, ओपीडी, वार्डों की मरम्मत आदि सम्मिलित है ताकि जन सामान्य को स्वच्छ, सुदृढ़ एवं नयांभिरामी वातावरण प्रदान किया जा सके। हालांकि प्रारम्भ में इस कार्यक्रम में 51 जिला स्तरीय चिकित्सालयों को सम्मिलित किया गया था परंतु यूपीएचएसएसपी एक समयबद्ध परियोजना है जिसका समापन मार्च 2019 को तय है इसलिए केवल 20 चिकित्सालयों में ही कार्य प्रारम्भ करवाया जा सका है जिसे चरणबद्ध तरीके से युद्धस्तर पर कार्य करते हुए फरवरी 2019 तक पूर्ण होने की संभावना है। कार्यक्रम के अंतर्गत चिकित्सालय स्तर पर दैनिक रूप से समन्वय स्थापित किया जाता है। इसके अतिरिक्त परियोजना स्तर से सघन रूप से चिकित्सालयों का भ्रमण किया जा रहा है ताकि वस्तु-स्थिति का सन्दर्भ लिया जा सके। अभिमुखीकरण एवं कार्य में प्रगति लाने के लिए राज्य स्तर पर कई कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है एवं मंडलीय स्तर पर भी परियोजना के सलाहकार सम्बंधित लोगो को प्रशिक्षण देते रहते हैं।

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