सूक्ष्म सिंचाई पद्धति तथा नवीन तकनीक के समन्वय से कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी संभव

लखनऊ: दिनांक: 12 जनवरी, 2019 उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग सौजन्य से सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र (पी.एफ.डी.सी.) केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई य¨जना “पर ड्राप म¨र क्रॅाप’’ (माइक्र¨इरीगेशन) के अंतर्गत उद्यान विभाग के वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक एवं प्रभारीगणों को ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पर प्रशिक्षण दिये जाने हेतु दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 11 मण्डलों के जनपदवार 45 कार्मिकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए डा. वी0के0 सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं पी.आई., पी.एफ.डी.सी द्वारा कार्यक्रम में आये हुए सभी अधिकारियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यक्रम के अवसर पर संस्थान के निदेशक डा. एस. राजन ने संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों की जानकारी देते हुए बताया कि दिन प्रतिदिन घटते भूमि जल स्तर को बचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई पद्धति की महत्ता के बारे में विस्तृत प्रकाश डाला। डा. एन.एल.एम. त्रिपाठी, सहायक नोडल अधिकारी, माइक्रोइरीगशन ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के प्रयोग को अपनाकर तथा केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में उपलब्ध तकनीकों के समन्वय से उत्पादन में बढ़ोत्तरी की जा सकती है तथा उपलब्ध तकनीकों का उपयोग करके बागवानी एवं कृषि फसलों का उत्पादन दो गुना करने में मददगार है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन सूक्ष्म सिंचाई प्रौद्योगिकी को अपनाने में आने वाली समस्याओं एवं उनके निदान हेतु विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। इसके पश्चात डा0 वी0के0 सिंह द्वारा संस्थान में तकनीकी प्रदर्शन प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया गया जिसमें माइक्र¨इरीगेशन प्रणाली की बारीकियों तथा संस्थान में उपलब्ध तकनीकों पर प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम का समापन संस्थान के निदेशक डा. एस. राजन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। सभी प्रतिभागियों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम को बहुपयोगी एवं भारत सरकार की इस फ्लैगशिप योजना के क्रियान्वयन में उपयोगी बताया।

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