महिला एवं बाल विकास विभाग उ0प्र0 द्वारा कोविड-19 से बचाव हेतु किये जा रहे हर संभव प्रयास

लखनऊ: महिला कल्याण निदेशालय द्वारा दिनांक 12 तथा 16 मार्च को ही विश्व स्तर पर कोरोना वायरस (ब्व्टप्क्.19) महामारी के प्रकोप को बढ़ता देख राज्य में समस्त राजकीय व स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से संचालित आवासीय संस्थाओं में आवासित बच्चों तथा महिलाओं एवं विभाग के अंर्तगत संचालित समस्त जिला बाल संरक्षण ईकाईयों, वन स्टाॅप सेन्टर, महिला शक्ति केन्दों आदि समस्त यूनिटस् में कार्यरत् अधिकारियों तथा कार्मिकों को कोरोना वाइरस से बचाव संबंधी विस्तृत दिशा निर्देश दिये गये थे। तदोपरांत भारत सरकार से गृहों के संबंध में 18 मार्च को बचाव हेतु निर्देश जारी किये गये।
विभाग द्वारा प्रतिदिन के आधार पर विभाग के अंर्तगत संचालित समस्त सस्थाओं की निगरानी गूगल डैश-बोर्ड, वाटस्ऐप गु्रप, दूरभाष तथा विडियो काॅल के माध्यम से की जा रही है। समस्त संस्थायें प्रतिदिन बच्चों तथा महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी आॅख्यायें जनपद स्तर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी तथा जनपद स्तर से आख्यायें वेरिफाय करते हुये मंडलीय तथा निदेशालय स्तर पर प्रेषित किये जा रही हैं।

समस्त संस्थाओं तथा वन स्टाॅप सेन्टर में आवासित लगभग 8000 बच्चों तथा महिलाओं के साथ-साथ विभाग में कार्यरत् लगभग 2000 अधिकारियों तथा कार्मिकों के साथ छोटे समूहों में जागरूकता सत्रों का आयोजन किया गया। विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से कोरोना वायरस (ब्व्टप्क्.19) के संबंध में मेन्टल हैल्थ तथा साइको-सोशल सपोर्ट प्रदान करने हेतु रोस्टर आधार पर काउन्सलरस की सूची तैयार कर उनका बेसिक अभिमुखिकरण कर समस्त जनपदों को सूची शेयर कर निर्देशित किया गया है की इन परामर्शदाताओं की आवश्यकतानुसार सहायता प्राप्त करें।

विभाग संस्था में आवासित बच्चों तथा महिलाओं के साथ-साथ अपने अधिकारियों तथा कार्मिको की सेहत व सुरक्षा हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्व है अतः समस्त गृहों में लाॅकडाउन तक संस्था अधीक्षक के साथ-साथ न्यूनतम स्टाफ को आगामी 21 दिवस हेतु गृहों में ही तैनात कर दिया गया है। इस प्रकार आने-जाने से होने वाले संक्रमण से बचाव किया जा रहा है। विभाग के अधीन कार्यालयों/संस्थाओं/गृहों के कमरो के डोर नाॅब, स्विच, हैण्ड रेलिंग तथा मेज अथवा कुर्सी को एल्कोहल युक्त सेनेटाइजर से साफ काराया जा रहा है। समस्त गृहों में साबुन/अल्कोहल बेस्ड सेनेटाईजर/ हैण्ड वाॅश तथा स्वच्छ जल की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। कमरों मे टिशू पेपर रखे गयें हैं तथा यूज्ड टिशू पेपर को निस्तारित करने हेतु विशेष घ्यान दिया जा रहा है। परिणाम स्वरूप अभी तक प्रदेश की किसी भी संस्था से किसी भी बच्चे या महिला में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं सूचित किये गये हैं।

संस्थाओं में निवासरत संवासी/संवासिनियों को संस्था में पूर्ण रूप से लाॅकडाउन किया गया है तथा संस्था में बना भोजन ही दिया जा रहा है। विदेशी सहित समस्त आगुन्तकों का प्रवेश अप्रैल, 2020 तक प्रतिबंधित किया गया है। अपरिहार्य स्थिति में आगुन्तकों के प्रवेश में गेट पर ही उनके हाथ साबुन/हैण्डवाॅश या एल्कोहल युक्त सेनेटाइजर से साफ करवाये जा रहे हैं। प्रतिदिन नये प्राप्त होने वाले बच्चें यदि किसी भी प्रकार से सर्दी, खांॅसी, जुकाम, सिरदर्द, या बुखार आदि से ग्रसित है तो डाक्टर को दिखाने के उपरान्त ही उन्हें संस्था में प्रवेश दिया जा रहा है।

बच्चों व महिलाओं को बाल कल्याण समिति/किशोर न्याय बोर्ड/सक्षम प्राधिकारी/कोर्ट  के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु, वीडियो कान्फ्रंैंिसग/वेब कैमरे/मोबाइल फोन-कैमरे इत्यादि माध्यमों का प्रयोग किया जा रहा है। संस्थाओं में जिला प्रशासन की सहायता से निरंतर स्वास्थ्य परीक्षण किये जा रहे हैं। चाइल्डलाइन तथा समस्त वाॅलन्टियर संस्थायें लाॅकडाउन की स्थिति में 24ग7 कार्यरत् है तथा विभाग के साथ सभी का समन्वय बना हुआ है।

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