राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण हेतु अध्यादेश लाये केन्द्र सरकार : विहिप

लखनऊ, 09 नवम्बर। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए पूज्य संत धर्माचार्यों के नेतृत्व में 25 नवम्बर को अयोध्या में विराट धर्मसभा का आयोजन किया जायेगा। इसमें सभी सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि व  रामभक्त हिस्सा लेंगे। 25 नवम्बर को ही नागपुर और बंगलूर में भी धर्मसभा का आयोजन होगा। इसके अलावा 09 दिसम्बर को दिल्ली में धर्मसभा होगी। इन सभाओं में रामभक्त राम मंदिर निर्माण का संकल्प लेंगे। इन धर्मसभाओं में जगद्गुरू, महामण्डलेश्वर,धर्माचार्य और सभी मत पंथों के संत महंत शामिल होंगे। संतों की अगुवाई में श्रीराम की जन्मभूमि पर शीघ्र ही मंदिर निर्माण हेतु सभी रामभक्त निश्चित स्थानों पर एकत्रित होकर हुंकार भरेंगे। वहीं नवम्बर माह में ही सभी जिलों में भी धर्मसभाएं होंगी।
विश्व हिन्दू परिषद अवध प्रान्त के संगठन मंत्री भोलेन्द्र जी ने कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र पर विरोधियों ने इतना दबाव बनाया कि वह राम मंदिर पर निर्णय करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। 29 नवम्बर से नियमित आदेश की सुनवाई का निर्देश देकर वह सेवानिवृत्त हो लिए। वहीं कोर्ट ने दो मिनट के अन्दर दो महीने के लिए राम मंदिर की सुनवाई को टालकर हिन्दू समाज को उद्देलित करने का काम किया है। कोर्ट के इस निर्णय से हिन्दू समाज अपमानित एवं कुंठित है।
भोलेन्द्र जी ने कहा कि राम जन्मभूमि मसला देश के स्वाभिमान से जुड़ा मुद्दा है। अगर कोर्ट ने 03 दिसम्बर 1992 के निर्णय को 12 दिसम्बर पर नहीं टालती तो 06 दिसम्बर को बाबरी विध्वंस नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि अब सारे रास्ते बंद हो गये हैं। अब एक ही मार्ग बचा है केन्द्र सरकार संसद के अन्दर कानून बनाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे। भोलेन्द्र जी ने कहा कि धर्म सभा सरकार और कोर्ट दोनों को संदेश देने के लिए है क्योंकि हम कोर्ट पर कोई दबाव तो नहीं बना सकते, लेकिन हम अपनी इच्छा जाहिर कर सकते हैं।
संत रविचरन महराज के नेतृत्व में 51 धर्मानुष्ठानकर्ता पहुँचे अयोध्या
श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए बंगलूर से संत रविचरन महराज के नेतृत्व में 51 धर्मानुष्ठानकर्ता अयोध्या आज 09 नवम्बर को अयोध्या पहुुंच चुके हैं।
1. पूज्य संत धर्माचार्यों के नेतृत्व में अयोध्या में 25 नवम्बर को विशाल धर्मसभा होगी।
2. नवम्बर माह में ही सभी संसदीय क्षेत्रों में विशाल जन सभाएं होंगी। वहां की जनता एक बड़े और व्यापक प्रतिनिधि मण्डल के साथ पूज्य संतों के नेतृत्व में स्थानीय सांसदों से मिलेगी और उन्हें संसद में कानून बनाकर राम मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त करने का आग्रह करेगा।
3. गीता जयंती (18 दिसम्बर) जिस दिन बाबरी ढ़ांचा ढ़हाया गया था से 26 दिसम्बर तक भारत के प्रत्येक पूजा स्थान, मठ मंदिर, आश्रम,गुरूद्वारा व घरों में राम जन्मभूमि  पर भव्य राम मंदिर बनाने के लिए स्थानीय परम्परा के अनुसार अनुष्ठान होंगे।

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