अवसरवादी दलों का जमावड़ा है महागठबंधन: राजीव रंजन

पटना: महागठबंधन को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने उसे अवसरवादी नेताओं का जमावड़ा करार दिया. उन्होंने कहा “ सिर्फ सत्ता पाने के लिए एक साथ खड़े महागठबंधन के नेता आज पूरे देश में अवसरवादी राजनीति के प्रतीक बन के रह गये हैं. न तो इनके पास कोई विचारधारा है और न ही जनता के विकास के लिए कोई विजन. इनका एक ही मकसद है कि किसी तरह जनता की आँखों में धूल झोंक कर कुर्सी हथियायी जाए.”

उन्होंने कहा “ लोग जानते हैं कि इस ठगबंधन के नेताओं में शुरुआत से ही सांप और नेवले सरीखी दुश्मनी रही है. महज कुछ साल पहले तक ऐसा कोई दिन नहीं बीतता था, जब यह नेता एक दुसरे को पानी पी पी कर नहीं कोसते थे. लेकिन सत्ता के लालच और अपना अस्तित्व बचाने की मजबूरी ने आज इन्हें एक साथ ला दिया है. इसके बावजूद एक-दुसरे के पीठ पर वार करने की इनकी आदत नहीं गयी है. आज भी यह कैमरे के सामने जबर्दस्ती मुस्कान बिखेरते हुए एक दुसरे के साथ रहने की कसमें खाते हैं, लेकिन कैमरा हटते ही यह एक-दुसरे को नीचा दिखाने का जुगाड़ भिड़ाने लगते हैं. इसी वजह से इतने वर्षों के बाद भी इनमें आपसी एकता आज तक पनप नहीं पायी है. आज भी इनकी राजनीति एक दुसरे की जड़ खोदने से शुरू और एक दुसरे के खिलाफ साजिशों का जाल बुनने पर समाप्त हो जाती है. इनका पूरा दिन इसी उधेड़बुन में समाप्त हो जाता है कि कैसे अपने सहयोगियों को नीचा दिखाया जाए और कैसे उनकी मिट्टी और पलीद की जाए.”
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा “ महागठबंधन में नये नेताओं के आने से इनके कार्यकर्ता अपने भविष्य के लिए आशंकित हो रहे हैं. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे इनका अंदरूनी घमासान बढ़ता जाएगा और चुनाव आने तक इनका पूरा कुनबा खंड-खंड होकर बिखर जाएगा. इस ठगबंधन के सभी दल यह जान लें कि जनता की अदालत में वह पूरी तरह से एक्सपोज हो चुके हैं. जनता इनके खिलाफ कमर कस चुकी है और आने वाले विधानसभा चुनाव में इनका वह हाल करने वाली है, जो उन्हें लंबे समय तक याद रहेगा”

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