आर डब्लू ए के पास नहीं है गेट लगाने का अधिकार: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

ग्रेटर नॉएडा प्राधिकरण द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत दी गई जानकारी से शहर में हड़कंप मच गया है , अमूमन देखा गया है के आर डब्लू ए द्वारा लगाए गए स्थाई गेटों पर सेक्टर वासियों द्वारा ही सवाल खड़े किये जाते हैं , ऐसे में प्राधिकरण ने नॉएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष  एवं दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री रंजन तोमर के सवालों के जवाब देते हुए कई सवाल खड़े  कर दिए हैं।

 श्री तोमर ने प्राधिकरण से  सवाल पूछा था के प्राधिकरण की गेट नीति का हवाला देते हुए यह जानकारी दी जाए के आर डब्लू ए अपने कार्यक्षेत्र में अपनी मर्ज़ी और शक्तियों के अनुसार नया गेट लगा  सकते हैं या बंद कर सकते हैं , इसके जवाब में प्राधिकरण का कहना है के ‘किसी भी सोसाइटी में गेट लगाने या उसे बंद बिना प्राधिकरण की पूर्व अनुमति के नहीं किया जा सकता है।

इनसे कई प्रश्न खड़े होते हैं , जैसे  प्राधिकरण की नीतियों के विरुद्ध यदि गेट लगाया गया है तो वह अवैध है ? कई  साथ ही क्या इसका अर्थ आर डब्लू ए की शक्तियों को कतरने जैसा निकाला जाए , या फिर यह के प्राधिकरण सभी शक्तियां अपने पास रखना चाहता है ? गौरतलब है के सन 2019 में नॉएडा प्राधिकरण द्वारा भी एक आरटीआई के जवाब में श्री तोमर को जवाब में इसी प्रकार का जवाब दिया गया था जिसके बाद सीईओ महोदय को सफाई देनी पड़ी थी के ऐसा कोई प्रावधान नहीं है , इसका अर्थ यह भी निकाला जाना चाहिए के प्राधिकरण ही इन क्षेत्रों में सर्वेसर्वा हैं और क्षेत्रीय लोगों के पास लोकतंत्र के नाम पर गिनी चुनी ही शक्तियां हैं , असलियत तो यह है के चुने हुए  आरडब्लूए की शक्तियां भी  प्राधिकरण की नीतियों के कारण शून्य जैसी होकर रह गई हैं।

नोवरा अध्यक्ष का कहना है के संस्था का मूल उद्देश्य लोकतंत्र सशक्तिकरण है और इस प्रकार की आरटीआई से वह यह साबित करना चाहते हैं के औद्योगिक प्राधिकरणों के क्षेत्र में लोकतान्त्रिक शक्तियां कैसे क्षीण होती जा रही हैं।  अब ग्रेटर नॉएडा जैसे बढ़ते हुए ,युवा शहर की शक्तियों पर भी प्राधिकरणों द्वारा लगाम लगा दी गई है , देखना है यहाँ की संस्थाएं अपने अधिकारों की लड़ाई नॉएडा की संस्थाओं की तरह लड़ पाएंगी अथवा नहीं ,   लेकिन नोवरा ज़रूर ग्रेटर नॉएडा के निवासियों की लड़ाई लड़ेगा।

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