केवल भाषणों में किसानों की हितैषी होने का दिखावा करना ही इसकी नीयत है-अनिल दुबे

लखनऊ 27 नवम्बर। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि प्रदेष सरकार लगातार किसानों की अनदेखी कर रही है केवल अपने भाषणों में किसानों की हितैषी होने का दिखावा करना ही इसकी नीयत है। सभी जनपदों में रबी की बुवाई युद्वस्तर पर चल रही है परन्तु किसानों की खाद और बीज की उपलब्धता आसानी से नहीं हो रही है। सहकारी समितियिों के गोदामों पर ताले पडे़ हैं जबकि प्रदेष सरकार पूरे प्रदेष में भरपूर स्टाॅक होने का दावा कर रही है। किसान केवल सरकार की घपले और घोटालेबाजी की मार झेल रहा है।
श्री दुबे ने कहा कि प्रदेष सरकार ने किसानों का बिजली का बिल बेतहाषा बढाकर सिचाई की कीमत तीन गुना कर दी है। खाद और बीज भी मंहगे दामों पर उपलब्ध हो रहे हैं यूरिया मंहगी हो गयी है तथा यूरिया की बोरी का वजन भी 50 किलो से घटाकर 45 किलो कर दिया गया है और सरकार केवल किसानों की आमदनी दुगुना करने की बात अपने भाषणों तक सीमित रखे हुये है। गन्ना किसानों का भी वर्तमान सत्र प्रारम्भ हो चुका है। जबकि पिछले सत्र का ही हजारों करोडों रूपया बकाया है जो 14 दिन के अन्दर भुगतान होना चाहिए। गन्ने की फसल काटकर चीनी मिलों तक पहुंचाना किसान की मजबूरी होती है क्योंकि उसे रबी की बुवाई के लिए खेत खाली करना है और सरकार उनके गन्ने का मूल्य बकाया रखकर मिल मालिकों को संरक्षण देकर ऐष और आराम करने के लिए छोड देते है।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि दरअसल यह सरकार किसानों के साथ साथ सभी मोर्चो पर फेल साबित हो चुकी है। सरकार न तो किसानों को लागत का डेढ गुना मुल्य दे पायी, न तो किसानों के खाते में 15 लाख रूपये आये और न ही युवाओं को रोजगार दे पायी। बल्कि मंहगाई, भ्रष्टाचार बढा है और कानून व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगडती जा रही है। अन्र्तराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम होने के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं और सरकार अपनी इन विफताओं को छिपाने के लिए मंन्दिर मस्जिद के मुददे उछालकर पुनः सत्ता में आना चाहती है। उन्होंने कहा कि जनता के बीच भाजपा की सरकार बेनकाब हो चुकी है और आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखायेगी।

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