जिला अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों पर लगा पत्रकार से मारपीट का आरोप,अधिकारी मौन

नोएडा: समाज को आईना दिखाने वाले व आम जनता की आवाज को जन जन तक पहुचाने वाले लोकतंत्र के चौथा स्तभं कहे जाने वाले पत्रकार के साथ आये दिन अभद्रता,मारपीट व धमकी दी जाती है।लेकिन फिर भी स्थानीय प्रशासन ऐसे मामलो को गंभीरता से ना लेकर रफा दफा करवा दिया जाता है।अब आप सोचिये कि जब एक पत्रकार के साथ ये हो सकता है तो आम आदमी के साथ क्या क्या हो सकता है।

ये तब है जब हाईकोर्ट ने आये दिन पत्रकारों के साथ होने वाली घटनाओं का संज्ञान लेते हुये टिप्पणी की थी कि पत्रकारों से अभद्रता करने वालों वाले लोगों पर लगेगा 50,000 का जुर्माना एवं पत्रकारों से बदसलूकी करने पर हो सकती है 3 साल की जेल और पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे के अंदर जेल भेज दिया जाएगा। वही पत्रकारों को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से नहीं मिलेगी जमानत।ऐसे ही एक मामला नोएडा के थाना सैक्टर-20 क्षेत्र में स्थित जिला अस्पताल का है।जहा कवरेज करने गये पत्रकार से सुरक्षाकर्मियों ने अभद्रता करते हुये मारपीट की व अंजाम भुगतने की धमकी दी।जिसके बाद पत्रकार ने नोएडा के थाना सैक्टर-20 में एक शिकायत दी है।बताते चले कि आज का मुद्दा दैनिक समाचार पत्र में तैनात पत्रकार राजा को जिला अस्पताल में फैली अवस्था की जानकारी मिली थी।जिसको कवर करने के लिए पत्रकार दिनांक 27/12/2021 को करीब 10:30 बजे रात में जिला अस्पताल पहुंचा।जब वह जिला अस्पताल में फैली अवस्था को कवर कर रहा था तभी वहा मौजूद दो सुरक्षाकर्मीयों ने पत्रकार का फोन छीन कर उनसे अभद्रता करते हुये मारपीट की व अंजाम भुगतने की धमकी दी।जिसकी सूचना पत्रकार ने सीएमएस को देनी चाही लेकिन जिला अस्पताल की सीएमएस ने कई बार कॉल करने के बाद भी फोन रिसीव नही किया। पत्रकार का कहना है कि जब  सीएमएस पत्रकारों के फोन तक  रिसीव करती तो मरीजों की समस्या को क्या सुनेगी।इसके बाद पत्रकार ने थाना सैक्टर-20 में एक शिकायती पत्र देते हुये शासन व प्रशासन को ट्वीट के माध्यम से सूचना दी।
आपको बताते चले कि जिला अस्पताल का विवादों से चोली दामन का साथ है।इससे पहले भी अस्पताल पर मरीजों से दवा बाहर से लिखने,इलाज के नाम पर पैसे लेना, डॉक्टर द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने के कई आरोप लगाये है।और तो और जिला अस्पताल में तैनात एक लिपिक के ऊपर अस्पताल के कर्मचारियों से लाखों रुपये ऐठने के भी गंभीर आरोप लगे थे।अब देखना है कि पत्रकार के मामले को प्रशासन कितनी गंभीरता से लेता है।

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