मानिटरिंग कमेटी भविष्य में पिक एंड चूज के आधार पर दिल्ली के किसी भी क्षेत्र में सीलिंग न करे-मनोज तिवारी

नई दिल्ली, 22 नवम्बर।  दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी पर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी स्थित एक डेयरी की सील तोड़ने व सुप्रीम कोर्ट की अवमानना को लेकर आज माननीय न्यायलय ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि न्यायलय की कोई अवमानना नहीं की गई है। किसी भी मानिटरिंग कमेटी या सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कोई उल्लंघन नहीं हुआ था। सीलिंग पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा की गई थी और इसलिए, सुप्रीम कोर्ट के किसी भी आदेश का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। न्यायलय ने श्री मनोज तिवारी के स्टैंड को स्वीकार कर कहा है कि मानिटरिंग कमेटी की कार्रवाई अवैध है और बिना किसी अधिकार क्षेत्र के की गई है। सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई के दौरान प्रदेश महामंत्री श्री राजेश भाटिया, मीडिया प्रभारी श्री प्रत्यूष कंठ, सह-प्रभारी श्री नीलकांत बक्शी, मीडिया प्रमुख श्री अशोक गोयल, प्रदेश पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, निगम पार्षद, भाजपा कार्यकर्ता सहित भारी संख्या में व्यापारी संगठन के नेता उपस्थित थे।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि मानिटरिंग कमेटी की पिक एण्ड चूज नीति के तहत चुनिंदा सीलिंग कार्रवाइयों को सर्वोच्च न्यायालय ने नोट किया है। न्यायालय द्वारा पूछे गये प्रश्न पर कि संसद सदस्य होने के नाते, मुझे अपने हाथ में कानून लेने के बजाय, वहां पर जमा भीड़ को शांत बनाए रखना चाहिए था उस पर श्री मनोज तिवारी ने कहा कि मौके की स्थिति के अनुसार जो भी उचित कार्रवाई की आवश्यकता थी वहां मेरे द्वारा की गई और विरोध के प्रतीक के रूप में केवल सील तोड़ दी थी। लेकिन मेरा इरादा कानून का उल्लंघन करना नहीं था और न ही कानून को अपने हाथों में लेना था। उस समय की स्थिति के अनुसार भीड़ को काबू करने के लिए कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए प्रतीकात्मक सील तोड़ने की कार्रवाई करना आवश्यक हो गया था।
श्री मनोज तिवारी ने सर्वोच्च न्यायलय के फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि सत्यमेव जयते, सत्य की हमेशा जीत होती है झुठ चाहे कितना भी बड़ा हो जाए लेकिन सत्य उस पर हमेशा ही भारी रहेगा, आज न्यायलय के फैसले से ये साबित हो गया। न्यायलय का मैं धन्यवाद करता हूँ कि आज न्यायालय ने यह स्पष्ट रूप से मान लिया कि मानिटरिंग कमेटी द्वारा मुझ पर किया गया अवमानना का कोई मामला नहीं था। इस बात को सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार किया कि मानिटरिंग कमेटी ने सीलिंग केस में न्यायालय का समय खराब किया है, मुझ पर लगे सभी आरोपों से अदालत ने मुझे निर्दोष करार दिया है और पिक एडं चूज की नीति के तहत जो भी पूर्व में सीलिंग की गई उसे भी गलत माना है।
श्री तिवारी ने कहा कि मानिटरिंग कमेटी भविष्य में पिक एंड चूज के आधार पर दिल्ली के किसी भी क्षेत्र में सीलिंग न करे।

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