युवाओं को हिंसा या विरोध प्रदर्शन करने से बचना चाहिए : रणविजय सिंह

नोएडा: देशभर में अग्नीपथ को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। आज भारत बंद का ऐलान भी किया गया है। इन सबके बीच नोएडा पुलिस और पूर्व सैनिकों ने एक अच्छी पहल की शुरुआत की है। नोएडा पुलिस और आर्मी वेटरन ने एक नोएडा मीडिया क्लब में संयुक्त प्रेस वार्ता कर अग्निपथ को लेकर फैली अफवाहों को दूर किया है और बताया कि अग्निपथ योजना कैसे लाभदायक है।नोएडा पुलिस आर्मी वेटरन ने द्वारा किए गए संयुक्त प्रेस वार्ता में नोएडा पुलिस से एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह मौजूद रहे। वहीं आर्मी बैटल कर्नल आईपी सिंह, कर्नल एसके वोहरा, कर्नल आरके भूषण, कर्नल एसके श्रीवास्तव, कर्नल शैलेन्द्र सिंह मौजूद रहे। इस दौरान कर्नल शैलेंद्र एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह और अन्य आर्मी वेटरन में अग्नीपथ के बारे में भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की।

भारत को यंग आर्मी की जरूरत
आर्मी वेटरन के कहा कि भारत को यंग आर्मी की जरूरत है। दुनियाभर के बड़े देशों में ऐसे सिस्टम चलते आ रहे है ऐसे में भारत मे भी इसकी जरूरत थी। इसके बाद आर्मी वेटरन ने बताया कि 25% जवानों को वापस रख लिया जाएगा। 75% को इतना ट्रेंड कर दिया जाएगा। ताकि आगे रिटायर होकर भी कई जगह जा सकते है। उनको कई सशस्त्र बल, PSU, बैंक में प्राथमिकता दी जाएगी।
सिस्टम को खत्म करना जरूरी
आर्मी वेटरन ने आगे कहा कि पहले हाथ और तलवारों के साथ युद्ध लड़ा जाता था। अब जमाना टेक्निकल लड़ाई का है। फौज को जवान रखना बेहद जरूरी है 30 से 35 साल में 80% तक रिटायर हो जाते हैं ऐसे में इस सिस्टम को खत्म करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि सरकार ने उम्र सीमा 17 साल से 21 साल के बजाए 23 साल कर दिया है। ऐसे में क्योंकि वह पहले ही फिजिकल या मेडिकल में पास हो चुके हैं तो दोबारा उन्हें पास होने में कोई दिक्कत नहीं होगी, बल्कि अब भर्तियों की संख्या बढ़ा दी गई है, जिससे उनके भर्ती होने के चांस और ज्यादा बढ़ जाएंगे।
भारतीय सेना के लायक नहीं
वही अग्नीपथ को लेकर हो रही हिंसा के बारे में बात करते हुए आर्मी वेटरन ने कहा कि जो भी जवान भारतीय सेना में जाना चाहते हैं, वो इतने डिसिप्लिन होते हैं कि इस तरह की हरकत कर ही नहीं सकते, जो भी लोग इस तरह की हरकत कर रहे हैं। वह भारतीय सेना के लायक नहीं है। इसलिए अगर फौज में जाना है तो इस तरह के हिंसा में जाने से बचना चाहिए।
युवाओं को हिंसा से बचना चाहिए : रणविजय
एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने कहा कि जो लोग भी हिंसा में शामिल हुए हैं पुलिस उनकी पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर कार्रवाई कर रही है। ऐसे में एक बार एफआईआर में नाम चढ़ने के बाद पुलिस वेरिफिकेशन के दौरान उन्हें कहीं भी नौकरी नहीं मिलेगी।इसलिए जो युवा हिंसा या विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें इससे बचना चाहिए।
वही ट्रेनिंग पीरियड को 6 महीने करने से भारतीय आर्मी स्टैंडर्ड में कमी होने की आशंका पर आर्मी वेटरन ने कहा कि भारतीय आर्मी दुनिया की सबसे स्टैंडर्ड आर्मी में से एक है 6 महीने की ट्रेनिंग से आर्मी के स्टैंडर्ड में कोई कमी नहीं आएगी, जवान की ट्रेनिंग सिर्फ शुरुआत में नहीं होती बल्कि रिटायरमेंट तक जवान की ट्रेनिंग चालू रहती है। चीन के साथ हुए युद्ध के दौरान 3 महीने की ट्रेनिंग पर भी जवानों ने युद्ध लड़ी थी, तो इस बात को कहना कि ट्रेनिंग पीरियड कम होने से भारतीय सेना के स्टैंडर्ड में कमी होगी ठीक नही है।

Facebook Comments