आयुष्मान भारत योजना में 05 लाख प्रति परिवार प्रतिवर्ष मुफ्त इलाज: सहगल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण दर में लगातार गिरावट आ रही है। लेकिन यह समय और अधिक सावधान रहने का है। मा. प्रधानमंत्री जी ने कल अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं। इसलिए इस समय और अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है ताकि कम होता हुआ संक्रमण फिर से न बढ़े इसका ध्यान रखना है।
भारत सरकार आयुष्मान योजना को फूड सेक्युरिटी सर्वे की सूची के साथ जोडने पर विचार कर रही है। इस पर मा0 मुख्यमंत्री जी ने अपनी सहमति दे दी है। प्रदेश सरकार आयुष्मान योजना को नेशनल फूड सेक्युरिटी एक्ट की सूची के साथ जोडने पर आने वाले अतिरिक्त व्यय-भार के लिए सहर्ष तैयार है। भारत सरकार जैसे ही इसे लागू करती है प्रदेश में लगभग 2.50 करोड़ से अधिक परिवार इस योजना से जुड़ जायेंगे। इस योजना में 05 लाख प्रति परिवार प्रतिवर्ष मुफ्त इलाज किया जाता है।

सहगल ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां तेजी से संचालित हो रही है। प्रदेश में विद्यमान 4.35 लाख इकाईयों को आत्मनिर्भर पैकेज के अन्तर्गत रू0 10,744 करोड के ऋण स्वीेकृत कर वितरित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रदेश में नई एम0एस0एम0ई0 इकाइयों के स्थापना का कार्य तेजी से चल रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा एक नए एम0एस0एम0ई0 एक्ट को भी लागू किया गया है। जिसके अनुसार किसी भी नए एम0एस0एम0ई0 को, यदि वह उद्योग लगाना चाहता है तो उसके द्वारा जिला उद्योग केन्द्र में समुचित प्रपत्रों के साथ आवदेन करने पर उनको 72 घंटे में एक्नालेजमेंट पत्र दिया जायेगा। जिसे प्राप्त करने के 1000 दिन तक वह अपनी इकाई बिना किसी अन्य विभाग से अनापत्ति लिए शुरू कर सकते है। एक्ट के अनुसार 1000 दिन की छूट दी जा रही है जिससे कि वह अन्य विभागों से इस दौरान अनापत्तियां प्राप्त कर लें। आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार/स्वरोजगार सृजन अभियान में इस वित्तीय वर्ष में 14 मई से आजतक 5.76 लाख नई डैडम् इकाईयों को रू0 15,483 करोड के ऋण वितरण किया गया है। इस प्रकार केवल नई इकाइयों से ही लगभग 22 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित हुए है।

सहगल ने बताया कि मा. मुख्यमंत्री द्वारा धान खरीद की समीक्षा की जा रही है। मा0 मुख्यमंत्री जी ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि किसानों के धान की खरीद समय से हो तथा उन्हें धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य अवश्य मिले। मुख्यमंत्री ने कहा है कि संबधित जिलाधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि वह किसानों को धान खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य अवश्य मिले। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर इस कार्य में लगे अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। प्रदेश में वर्तमान में 4000 धान क्रय केन्द्र स्थापित है। अब तक 1,54,256.62 मी0 टन धान की खरीद सुनिश्चित की जा चुकी है। जबकि गत वर्ष इस अवधि में धान की खरीद 21,542.59 मी0टन की गयी थी।

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