केजीएमयू के 16 मृतक आश्रित कर्मचारियों को मिला नियुक्ति पत्र प्रदान

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रांगण में जनोपयोगी परियोजना ‘‘बर्न एवं रि-कंस्ट्रक्टिव यूनिट’’ का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने जनता के सहायतार्थ  जीवन रक्षक उपकरणों से सुसज्जित 04 ए0सी0एल0एस0 एम्बुलेंस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह अत्याधुनिक एम्बुलेंस केजीएमयू में उपचार हेतु आने वाले गम्भीर मरीजों के विशिष्ट चिकित्सकीय उपचार हेतु एक स्थान से दूसरे स्थान पर सकुशल स्थानान्तरित करने में काफी सहायक होगी।

उन्होंने इस अवसर पर केजीएमयू में अपने कर्तव्यों का निवर्हन करते हुए केजीएमयू के मृत 16 कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति पत्र भी प्रदान किया। श्री खन्ना ने अपने सम्बोधन में कहा कि केजीएमयू के प्रांगण में स्थापित होने वाला ‘‘बर्न एवं रि-कंस्ट्रक्टिव यूनिट’’ किसी दुर्घटना आदि में जलने से उत्पन्न समस्याओं के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत में जलने से होने वाली चोटों की विशिष्ट उपचार की सुविधा कुछ चुनिन्दा स्थानों पर ही उपलब्ध है। जलने के कारण होने वाली चोट सम्भावित रूप से एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। केजीएमयू का यह ‘‘बर्न एवं रि-कंस्ट्रक्टिव यूनिट’’ सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश की जनता के चिकित्सकीय सुविधाओं के बेहतर उपयोग हेतु वरदान साबित होगी।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि केजीएमयू में राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधीन रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष एवं केन्द्र सरकार तथा केन्द्र सहायतित योजना नेशनल प्रोग्राम फाॅर प्रिवंसन एण्ड मैनेजमेन्ट आॅफ बर्न इन्जरीज तथा भारत सरकार के उपक्रम एनटीपीसी के सीएसआर ग्रान्ट के सहयोग से लगभग 2254.08 लाख रूपये की लागत से स्थापित यह ‘‘बर्न एवं रि-कंस्ट्रक्टिव यूनिट’’ न केवल उत्तर प्रदेश अपितु सम्पूर्ण उत्तर भारतीयों के लिए उपयोगी साबित होगी। कुल 65 बिस्तरों की क्षमता वाले इस अति विशिष्टता केन्द्र में 08 आईसीयू बेड, 08 एमपीयू बेड, 28 बर्न बेड, 02 प्राइवेट कक्ष, 10 बिस्तरों का एक डिजास्टर वार्ड, 03 बिस्तरो ट्राई एज, 02 बिस्तरों का ड्रेसिंग रूम एवं 04 अत्याधुनिक आॅपरेशन थ्रियेटर की सुविधा उपलब्ध होगी।

श्री खन्ना ने बताया कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय उ0प्र0 राज्य का सबसे पुराना चिकित्सा संस्थान है। अपने स्थापना काल से ही इसने अनगिनत शिक्षाविद, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता, चिकित्सक, प्रशासनिक अधिकारी आदि देकर अपनी क्षमता का परिचय देते हुए प्रदेश को गौरवान्वित किया है। निश्चित ही आज राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए चिकित्सा विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में जिस बौद्धिक सामथ्र्य एवं कौशल की आवश्यकता है, उसमें केजीएमयू की बेहद अहम भूमिका है। केजीएमयू द्वारा किसी आपदा आदि में भी सदैव तत्परता के साथ सतत् सहयोग प्रदान किया जाता रहा है। चाहे रायबरेली के ऊंचाहार स्थित एन0टी0पी0सी0 प्लांट में बाॅयलर फटने की दुर्घटना रहीं हो, चाहें लखनऊ जनपद स्थित पटाखा फैक्ट्री में आग दुर्घटना हो चाहें रायबरेली जनपद में हुई रेल दुर्घटना हो अथवा उत्तराखण्ड के केदार नाथ धाम में हुई बाढ़ दुर्घटना अथवा नेपाल भूकम्प त्रासदी केजीएमयू में सदैव अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन बढ़-चढ़कर किया है।

इस दौरान अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दूबे, कुलपति केजीएमयू लेफ्टीनेंट जनरल विपिनपुरी, कुलपति अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय डाॅ0 ए0के0 सिंह, प्रति कुलपति केजीएमयू डाॅ0 विनीत शर्मा एवं संस्थान के अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।

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