गोंडा में बिजली सुधारों पर खर्च किये 746.92 करोड़ रू: मंत्री श्रीकान्त शर्मा

लखनऊः ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने गुरुवार को जनपद गोंडा के 132 केवी धारीघाट, गौरा उपकेंद्र एवं 33ध्11 केवी मोहनपुर उपकेंद्र का शिलान्यास किया। इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 48.66 करोड़ के इस ट्रांसमिशन उपकेंद्र के बनने से पूरे गौरा विधानसभा को बेहतर आपूर्ति होगी। लो वोल्टेज की समस्या का भी स्थायी समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद देवीपाटन मंडल में बिजली की बेहतरी के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर सर्वाधिक ध्यान दिया गया।

अब गांव वालों को ट्रांसफार्मर फुंकने पर महीने भर का इंतजार नहीं करना पड़ता। न ही उसकी मरम्मत के लिए पैसे और संसाधन देने पड़ते हैं। 1912 पर फोन लगाने के बाद शहरी क्षेत्र में 24 घंटे और गांवों में 48 घंटे के भीतर ट्रांसफार्मर बदल जाता है। हमने बेहतर बिजली देकर गांवों और छोटे कस्बों से पलायन भी रोका है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पहले की सरकार केवल 4 जिलों को ही वीआईपी मानती थी, भाजपा की सरकार ने हर जिले और हर गांव को वीआईपी माना है। टीवी देखने के लिए अब शहर जाकर बैटरी चार्ज भी नहीं करवानी पड़ती। मोबाइल भी घर पर ही चार्ज होता है। चार सालों में हमने गांव की दशा-दिशा दोनों बदली है। अब ढिबरी की रोशनी में पढ़ाई नहीं करनी पड़ती। सूर्यास्त से सूर्योदय तक निर्बाध बिजली गांवों को मिल रही है। हमने तय किया है कि जहां भी लाइन लॉस 15ः से कम होगा वहां अब 24 घंटे की सप्लाई दी जाएगी। इसके लिए सबको समय से बिल जमा करना होगा। अभी गांव को 18, तहसील को 20 व जिला मुख्यालय को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है।

उन्होंने कहा कि गोंडा में वितरण के क्षेत्र में 746.92 करोड़ रुपये ढांचा सुधार पर खर्च किये गए हैं। जिले में 18 नए 33ध्11 केवी बिजलीघर बनाये गए हैं वहीं 19 बिजलीघरों की क्षमता बढ़ाई गई है। 8974 मजरों का विद्युतीकरण कर 1,21931 लोगों को बिजली के कनेक्शन दिए गए हैं। इसमें 68387 परिवारों को मुफ्त कनेक्शन दिया गया है। जिले में 9570 नए ट्रांसफार्मर भी लगाए गए हैं। 3114 किमी की एचटी व 5436 किमी एलटी लाइन गांवों में विद्युतीकरण के लिए बिछाई गई है। कहा कि सरकार 262 गांवों के 353 मजरों में 15.15 करोड़ की लागत से जर्जर तारों के स्थान पर एबीसी केबलिंग का काम भी करवा रही है।

उन्होंने बताया कि पहले प्रदेश में ग्रिड की क्षमता केवल 16348 मेगावाट थी अब यह बढ़कर 25000 मेगावाट हो चुकी है 2022 तक यह 28000 मेगावाट हो जाएगी। वहीं ग्रिड की आयात क्षमता भी 7800 मेगावाट से बढ़कर 14600 मेगावाट हो चुकी है। सरकार ने 12,111.75 करोड़ रूपये की लागत से 765 केवी के 12, 400 केवी के 34, 220 केवी के 72 व 132 केवी के 119 पारेषण उपकेंद्रों का निर्माण करवा चुकी है। जिसकी वजह से आज बिजली की आपूर्ति का तंत्र बहुत बेहतर हो चुका है।

ऊर्जा मंत्री ने सभी उपभोक्ताओं से नियमित बिजली का बिल भरने की अपील की। कहा कि सभी लोग बिल भरेंगे तो सबको सस्ती बिजली मिलेगी। कहा कि आने वाले समय में सरकार की मंशा सस्ती और 24 घंटे निर्बाध बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। उन्होंने अपील की कि सभी लोग कोविड वैक्सीनेशन जरूर करवाएं। लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित करें, जिससे आने वाली संभावित आपदा से निपटा जा सके।

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