यूपी में सभी तटबंध सुरक्षित, किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नही

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने आज यहां लोकभवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विषैले सर्प कीटों का प्रकोप काफी संख्या में रहता है जिनके काटने से काफी जनहानि व पशुहानि होती है उन्होंने बाढ़ राहत -शरणालयों के आस-ंपास की -झाड़ी की सफाई करने के साथ ही रात्रि में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने जल बहाव के कटान से प्रभावित भूमि के समीप स्थित स्कूल व पंचायत भवनों में बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों हेतु -शरणालय न बनाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि जल भराव वाले क्षेत्रों से गुजरने वाले
विद्युत तारों, खम्भों को दुरूस्त रखने के साथ ही विद्युत करंट के द्वारा कोई जनहानि, पशुहानि, मकान क्षति न होने पाये।

श्री गोयल ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की 3 चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदे-रु39या के बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0 की 15 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 व पी.ए.सी.  की 07 टीमें इस प्रकार कुल 22 टीमें तैनाती की गयी है। 779 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़ /अति-वृष्ट की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।

श्री गोयल ने बताया कि बा-सजय़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन,
01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 65,425 खाद्यान्न किट व 1,89,254 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 265 मेडिकल टीम लगायी गयी है।
श्री गोयल ने बताया कि बा-सजय की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 310 बाढ़  शरणालय तथा 735 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी

है। वर्तमान में प्रदेश के 15 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमग-सजय़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुसीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर) के 674 गांवों बाढ़  से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) तथा सरयू (घाघरा) 4 नदी (अयोध्या) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 2233 कुंतल भूसा वितरित किया गया है।

आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-ं1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।

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