सेना के अस्पतालों को भी आम लोगों के लिए खोले जा रहे हैं: डॉ. प्रेम कुमार

पटना: भारतीय सेना कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में भाग लेकर अपनी भूमिका बढ़ चढ़कर बखूबी निभाने के लिए हर समय तत्पर दिख रही है ।भारतीय सेना ने मानेसर, जैसलमेर और जोधपुर में कोरेंटिन सेंटर बनाई है। जब-जब देश के अंदर और बाहर या सीमा पर संकट आई है। भारतीय सेना उसका मुकाबला किया है ।विभिन्न राज्य सरकारों को सेना के चिकित्सा कर्मी उपलब्ध कराए गए ।

सेना के अस्पतालों को भी आम लोगों के लिए खोले जा रहे हैं। सैन्य अस्पतालों के नजदीक वाले लोग इलाज का लाभ ले सकेंगे। इसके अलावा सेना के जवान आयात किए जा रहे ऑक्सीजन टैंकरों को जरूरत की जगह तक पहुंचा रहे हैं ।सेना की मेडिकल कोर शाखा पूरी मदद के लिए आगे आ रही है। चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ सहायता के लिए उपलब्ध है। युद्ध काल हो या शांति काल, संक्रमण काल हो या आक्रमण काल, हर समय, हर परिस्थिति, हर संकट से निपटने में निपुण भारतीय फौज  अपना 100% सहयोग देकर कोरोना को हराने की जंग में भीड़ चुके हैं। युद्धों में घायल और बीमार सैनिकों का इलाज करने का विशेष अनुभव प्राप्त ,कार्य करने की कुशलता ,तीब्रता, प्रशिक्षण और अनुभव का लाभ देशवासियों को मिल रहा है। वायु सेना क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकरों की कमी दूर करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। भारतीय वायु सेना की सी- 17 ग्लोबमास्टर विमान निरंतर देश -विदेश से टैंकरों को जुटाने में एवं अस्पतालों में पहुंचाने में लगी है। वायु सेना के सभी परिवहन विमानों को 24 घंटे उड़ान भरने के लिए निर्देश जारी है।

वायु सेना के परिवहन के लिए हल्के, मध्य और भारी विमान बहरीन, सिंगापुर, थाईलैंड से ऑक्सीजन के टेंकर ला रहे है। वायुसेना ने “कोरोना एयर सपोर्ट सेल” का गठन कर विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों से सहयोग और समन्वय बनाया है। भारतीय नौसेना चिकित्सा सुविधा के लिए पश्चिमी नौसेना कमान का 3 अस्पताल कोरोना संक्रमितों के लिए काम करना शुरू कर दिया है। कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए गोवा एवं मुंबई में आइएनएचएस संधानी और आईएनएचएस ऐरावत  सिविल प्रशासन को मदद कर रहा है। नौसेना की युद्धकपोत आईएनएस कोलकाता, आईएनएस तलवार, आईएनएस जलश्व, और आईएनएस ऐरावत, बहरीन ,सिंगापुर, थाईलैंड से ऑक्सीजन के टेंकर भारत ला रहे हैं। भारतीय सेना का संकल्प-“हर हाल में जीतना है, यह युद्ध”, आज देशवासियों के काम आ रहा है।भारतीय फौज के तीनों अंगों, जल, थल, और नभ को कोटि-कोटि नमन।

Facebook Comments