मोदी सरकार द्वारा जारी मुफ्त राशन नहीं पहुंचा दिल्ली के 72 लाख गरीबों तक

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिल्ली के 72 लाख राशन कार्डधारकों को मई और जून का राशन मुफ्त देने का ऐलान किया गया था, लेकिन दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण यह राशन अब तक उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसकी वजह यह है कि दिल्ली सरकार ने अब तक राशन की दुकानों को राषन वितरण करने की औपचारिक अनुमति नहीं दी है। केजरीवाल सरकार की इस भेदभावपूर्ण नीति के खिलाफ आज दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष  आदेश गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर ज्ञापन दिया।

भाजपा प्रतिनिधिमंडल कोरोना नियमों के तहत सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मुख्यमंत्री को ज्ञापन देना चाहते थे लेकिन वह उनसे नहीं मिले तो उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर कुछ देर बैठकर धरना दिया। प्रतिनिधिमंडल में सभी भाजपा विधायकों विजेन्द्र गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट, ओमप्रकाश शर्मा, अनिल वाजपेयी, जितेंद्र महाजन, अजय महावर और अभय वर्मा के अलावा दिल्ली प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार और प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर भी शामिल थे।
ज्ञापन में कहा गया है कि दिल्ली के कोरोना और लाॅकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजधानी के 72 लाख राशन कार्डधारकों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आठ किलो गेहूं और दो किलो चावल दिल्ली को उपलब्ध करा दिया है। यह राशन मई और जून दो महीने के लिए दिया जाना है। मई महीने के 12 दिन बीत चुके हैं लेकिन दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण अब तक राशन विक्रेताओं को इसे वितरित करने का औपचारिक आदेश नहीं दिया गया। नियमानुसार ये आदेश महीने की पहली तारीख को ही जारी कर दिया जाना चाहिए। इसी का नतीजा है कि अब तक गरीब उपभोक्ताओं को यह राशन नहीं मिल पाया।
भाजपा का कहना है कि दिल्ली सरकार ने जानबूझ कर यह आदेश जारी नहीं किया क्योंकि उसे लगता है कि गरीबों को राशन मिलने का श्रेय केंद्र सरकार को मिलेगा। इसलिए वे ओछी राजनीति के कारण गरीबों को भूखा रहने के लिए मजबूर कर रहे हैं। नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार को किसी तरह का श्रेय नहीं चाहिए, हम तो चाहते हैं कि गरीबों को जल्दी से जल्दी मुफ्त राशन की सुविधा मिले। इसीलिए यह ज्ञापन देने के लिए वे मुख्यमंत्री के निवास पर पहुंचे हैं। गरीबों को मुफ्त राशन देने पर केंद्र सरकार दिल्ली मेें ही करीब 250 करोड़ रुपए प्रति माह खर्च कर रही है।

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