मुख्यमंत्री आवास के बाहर भाजपा का विरोध प्रदर्शन, मनोज तिवारी सहित कई कार्यकर्ता घायल

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद  मनोज तिवारी के नेतृत्व में सांस्कृतिक विरोधी केजरीवाल सरकार के द्वारा छठ पूजा मनाए जाने पर रोक लगाने के खिलाफ आज भाजपा ने प्रचंड विरोध प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री आवास के बाहर हुए इस विरोध प्रदर्शन में पूर्वांचल मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में पहुंचकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

आज हुए विरोध प्रदर्शन में प्रदेश महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह, प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल, विधायक एवं मुख्य प्रवक्ता अभय वर्मा, प्रदेश प्रवक्ता आदित्य झा एवं बृजेश राय, प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष कौशल मिश्रा, पूर्व विधायक अनिल झा और मनीष सिंह सहित अन्य पदाधिकारी और हज़ारों की संख्या में पूर्वांचल मोर्चा के कार्यकर्ता मौजूद थे। विरोध प्रदर्शन में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, प्रदेश भाजपा महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह एवं प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष कौशल मिश्रा सहित कई लोगों को चोटे आई हैं। पुलिस द्वारा विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पानी की बौछार का प्रयोग करना पड़ा जिसमें बी. एन. मिश्रा, प्रभाष चंद्रा, निवेदिता तिवारी, रोहित कुमार सिंह, अभिषेक दुबे, प्रिंस सिंह सहित कई कार्यकर्ता घायल हो गए। इनमें से शैलेन्द्र कुमार के सर पर गंभीर चोट आई है।
 प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल सरकार की छठ मनाने पर रोक लगाने वाले फैसले को मुर्खतापूर्ण बताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार हिंदू विरोधी सरकार है और आज जब पूरी दिल्ली खुली हुई है, दुकाने, बाजार, सिनेमाहॉल यहां तक कि स्विंमिंग पुल भी खुल चुके हैं तो छठ मनाने पर रोक लगाने का क्या मतलब है। केजरीवाल  सरकार छठ महापर्व की व्यवस्था भले न करे किन्तु भाजपा शासित निगम अपने पूर्वांचली भाईयों-बहनों के लिए सारी व्यवस्था करेगी।
आदेश गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने हर बार पूर्वांचल वासियों का अपमान किया है। दिल्ली में लाखों की संख्या में पूर्वांचलवासी रहते हैं और छठ महापर्व को श्रद्धा, विश्वास और आस्था के साथ मनाते हैं लेकिन शायद यह बात अरविंद केजरीवाल को रास नहीं आ रही है। इसलिए आम आदमी पार्टी बार-बार पूर्वांचल के लोगों की भावना को ठेस पहुंचाने का एक भी मौका नहीं छोड़ती। केजरीवाल का ही कहना था कि यूपी-बिहार वाले दिल्ली 500 रुपये के टिकट पर आते हैं और 5 लाख का इलाज कराकर चले जाते हैं। केजरीवाल का यह बयान लाखों पूर्वांचलियों को आहत किया।
उन्होंने केजरीवाल सरकार के आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी इस फैसले का विरोध क्यों कर रही है क्योंकि यह पूर्वांचलियों के साथ आघात है और भारतीय जनता पार्टी उनके साथ खड़ी है। जब किसी और धर्म का त्योहार आता है तो दिल्ली सरकार को कोई आपत्ति नहीं होती लेकिन जब भी कभी हिंदू त्योहार आता है तो इन्हें सबसे ज्यादा परेशानी होती है। दिल्ली में शराब वितरण के लिए किसी भी समाजिक दूरी का ध्यान नहीं दिया जाता और तो और इसके लिए अलग से नियम बना दिए गए कि हर एक वार्ड में चार-चार दुकाने खोले गए हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि भाजपा ऐलान करती है कि हम कोरोना की गाइडलाइन को ध्यान में रखकर छठ महापर्व को पूरी दिल्ली में मनाएंगे। अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए केजरीवाल सरकार छठ महापर्व को मनाने से पूरी तरह से मना कर रही है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार को एक मुर्ख सरकार बताते हुए कहा कि जब छठ पूजा करने वाले लोग इस बात के लिए भी तैयार हैं कि हम सभी कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करते हुए पूजा करेंगे तो फिर केजरीवाल को अब किस बात की आपत्ति है। मैं छठ की महत्ता और उसपर विश्वास को समझते हुए मैं मानता हूं कि छठ पूजा को मनाना दिल्ली में रहने वाले 80 लाख पूर्वांचलियों के लिए संजीवनी के समान है। आज देश के अन्य राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार इत्यादी राज्यों में छठ बड़े धूमधाम से मनाए जाने की बात की गई है लेकिन सिर्फ दिल्ली में छठ पूजा मनाने पर इतनी आपत्ति क्यों है। जिस नियम के तहत सप्ताहिक बाजार खुल सकते हैं, जिस नियम के तहत स्विमिंग पुल खुल सकता है, जिस नियम के तहत मॉल खुल सकता है तो आखिर उसी नियम के तहत छठ पूजा क्यों नहीं मनायी जा सकती।
मनोज तिवारी ने कहा कि छठ एक आस्था का विषय है इसमें राजनीति तो आनी ही नहीं चाहिए और इसलिए हम राजनीति से हटकर सभी छठ समितियों से मिल रहे हैं, उनकी तैयारी को समझने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन केजरीवाल सरकार द्वारा छठ पूजा को सीधा ना मनाने का फैसला काफी हैरान करने वाली है। उन्होंने कहा कि हम पूरी दिल्ली के छठ व्रत करने वालों की भावना को देखते हुए छठ पर्व को बड़ी हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे। स्वच्छता के प्रतीक छठ पर्व को मनाने में आखिर क्यों केजरीवाल को इतनी आपत्ति है।

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