सीमांचल में 1079.71 करोड़ की लागत से पथ निर्माण को केंद्र की मिली हरी झंडी

पटना:  बिहार के पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि ईस्ट-बेस्ट कॉरिडोर के समानांतर सीमांचल के नेशनल हाईवे 327 ई के गलगलिया से अररिया के बीच 94 किलोमीटर लंबे 4 लेन पथ का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होगा। भारतीय राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण ने इसके निर्माण के लिए न्यूनतम निविदाकार का निर्धारण कर दिया है।
पांडेय ने आज यहां बताया कि  1079.76 करोड़ रुपये की लागत से इस पथ का निर्माण दो पैकेज में होगा। प्रथम पैकेज 979.67 करोड़ का  गलगलिया से बहादुरगंज का है जिसकी लंबाई 49 किमी है। द्वितीय पैकेज के तहत 100.09 करोड़ की लागत से बहादुरगंज से अररिया के बीच 45 किमी 4 लेन पथ बनेगा। राज्य सरकार के अनुरोध पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 327 ई के मार्ग रेखन पर 4 लेन सड़क के निर्माण के लिए न्यूनतम निविदाकार को शीघ्र कार्य आवंटित करते हुए आवश्यक प्रक्रिया को पूर्ण करने के बाद काम प्रारम्भ करने का निर्णय किया है।

पांडेय ने कहा कि सीमांचल की इस अति महत्वपूर्ण परियोजना का निर्माण कार्य काम आवंटित होने के बाद दो वर्ष के भीतर पूरा कर लेना है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अगले 15 वर्षों तक इसकी देखरेख की की जिम्मेवारी संबंधित संवेदक ओर होगी। ज्ञातव्य है कि जनवरी 2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली योजना कार्यक्रम के लिए अररिया यात्रा का दौरान इस पथ को 4 लेन में चौड़ा करने का निदेश दिया था।

पांडेय ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा के निकट इस सड़क का निर्माण भारत-चीन युद्ध के बाद लेटरल रोड परियोजना के तहत किया गया था। तत्कालीन  प्रधान मंत्री अटलबिहारी वाजपेयी  के काल मे लागू राष्ट्रीय सम विकास योजना के तहत चौड़ा कर 2 लेन सड़क में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने परिवर्तित किया था। पुनः बिहार के लिए घोषित पीएम पैकेज 2015 के तहत इस सड़क के अधिकांश भाग को पेभड सोल्डर के साथ 2 लेन सड़क में विकसित किया गया है। श्री पांडेय ने परियोजना के त्वरित कार्यान्वयन के लिए  शीघ्र निविदा निष्पादन के लिए केंद्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार इसके कार्यान्वयन में हर सम्भव सहयोग करेगी।

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