चाइल्ड पीजीआई में हुई बच्चे के दुर्लभ हर्निया की सर्जरी

नोएडा:  पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (चाइल्ड पीजीआई)  में डेढ़ वर्षीय एक बच्चे के   हर्निया की सर्जरी (शल्य चिकित्सा) की गयी। बच्चे को गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (जिम्स) से आपात स्थिति में यहां इमरजेंसी में लाया गया था। पांच-छह दिनों से बच्चे की आंतों के न चलने और पेट फूलने की शिकायत के साथ जिम्स से रेफर किया गया था। मूल्यांकन करने पर पता चला कि बच्चे को दाहिनी तरफ की इंग्यूनल हर्निया है, जो अटकी हुई थी।
चाइल्ड पीजीआई के निदेशक डा. अजय सिंह ने बताया- आमतौर पर हर्निया का केस छोटी आंत में देखा जाता है किंतु इस केस में बच्चे की बड़ी आंत के सीकम का हिस्सा  अटका हुआ था और उसे सर्जरी की आवश्यकता थी। हर्निया के केस में आमतौर पर बेहोश करने की प्रक्रिया के पश्चात जब बच्चा सो जाता है और जोर लगाना बन्द कर देता है तो, आंतों का तनाव कम हो जाता है और हर्निया को कम किया जा सकता है। किंतु इस केस में बच्चे के बेहोशी में भी हर्निया कम नहीं हुआ तो चिकित्सकों को यह संदेह हुआ कि कहीं उसके इस भाग में सड़न न हो गई हो अतः शल्य चिकित्सक द्वारा उसे शल्य चिकित्सा के लिए ले जाया गया और अवरुद्ध बड़ी आंत के इस भाग को खोल दिया गया और सीकम को भी बचा लिया गया।
 अमाइंड की हर्निया में आमतौर पर अपेंडिक्स होती है किंतु इसमें सीकम का अवरुद्ध हो जाना बहुत ही दुर्लभ केस था। ऐसे केस का हर्निया के केस में 0.4 से 0.5 प्रतिशत योगदान होता है। बच्चा समय रहते चाइल्ड पीजीआई  आ गया और उसकी समय रहते सर्जरी हो जाने की वजह से उसको इलियोकल जंक्शन और सीकम के साथ अन्य नुकसान से बचा लिया गया।
सीकम बड़ी आंत की थैली जैसी संरचना होती है जो बड़ी आंत और छोटी आंत के जंक्शन पर स्थित होती है।

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