गांधी परिवार के कारण डूबता जहाज बन चुकी है कांग्रेस: राजीव रंजन

पटना: कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि गांधी परिवार की पालकी उठाने की आदत ने कांग्रेस को कहीं का नहीं छोड़ा है. गांधी परिवार के ही कारण आज यह पार्टी हर प्रदेश में क्षेत्रीय दलों के आगे नतमस्तक हो चुकी है. जो लोग कल तक कांग्रेस की बदौलत अपनी राजनीति चमकाते थे वह आज इन्हें खुलेआम इनकी इज्जत नीलाम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वास्तव में गांधी परिवार की अनुभवहीनता और अहंकार के कारण आज कांग्रेस का हाल डूबते जहाज की तरह हो चला है, जिसकी सवारी कोई नहीं करना चाहता. राजद, सपा, ममता बनर्जी जैसे इनके सभी पुराने साथी आज इनके दुश्मन बन चुके हैं. यहां तक कि इनके खुद के नेताओं ने गांधी परिवार की खिलाफत में G-23 जैसे ग्रुप बना लिए हैं. गांधी परिवार के आचरण से ऐसा प्रतीत होता है कि यह लोग कांग्रेस से किसी पुरानी खुन्नस का बदला ले रहे हैं और कांग्रेस के चीथड़े उड़ा कर ही इन्हें संतोष प्राप्त होगा.

श्री रंजन ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल में सर्वाधिक महत्व कार्यकर्ताओं का होता है, लेकिन कांग्रेस में गांधी परिवार बादशाह की भूमिका में रहता है और इनके कार्यकर्ता गुलामों की तरह. दरअसल इस परिवार की संवेदनाएं न तो देश के साथ है और न ही अपने कार्यकर्ताओं के साथ. उन्हें सिर्फ सत्ता और पॉवर चाहिए, जिसके लिए वह किसी के साथ भी हाथ मिला सकते हैं.

कि दरअसल गांधी-परिवार भी बिहार कांग्रेस के नेताओं को ‘वही’ समझता है, जिसे लालू जी ने खुलेआम कहकर बवाल मचा दिया था. गांधी परिवार के निगाह में इन नेताओं की हैसियत गुलामों से अधिक नहीं है. उन्हें पता है कि बिहार कांग्रेस अपने बलबूते एक पंचायत तक का चुनाव नहीं जीत सकते इसीलिए सत्ता के लालच में वह लालू जी का साथ कभी नहीं छोड़ते. यही वजह है कि गांधी परिवार की निगाह में कांग्रेस नेताओं के मान-सम्मान से कहीं ज्यादा राजद का महत्व है.

श्री रंजन ने कहा कि कांग्रेस की खस्ता हालत के लिए उसके अन्य नेता भी कम जिम्मेवार नहीं है. वर्षों की गुलामी और चाटुकारिता की आदत ने उनके आत्मसम्मान को रसातल में पहुंचा दिया है. यही वजह है कि बार-बार बेइज्जत होने और अपशब्द सुनने के बात भी इनके नेता बेशर्मी से दांत दिखाते हुए पार्टी में बने रहते हैं. यदि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की जगह किसी और दल के कार्यकर्ता होते तो इतने अपमान के बाद कोई भी उस पार्टी में टिकता नहीं. लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने अपनी अंतरात्मा को गिरवीं रख दिया है. बड़ा से बड़ा अपमान भी उनके जमीर को जगा नहीं पाता. उन्हें लोगों को यह बताना चाहिए कि आखिर इतनी जिल्लत झेलकर भी, वह लोग गांधी परिवार का गुणगान कैसे कर लेते हैं?

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