दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एरोबिक ड्रम कम्पोस्ट प्लांट का किया उद्घाटन

नई दिल्ली:  उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा आज पीतमपुरा के मौर्य इनक्लेव में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एरोबिक ड्रम कम्पोस्ट प्लांट का उद्घाटन किया और मास्क, सैनिटाइजर व काढ़े का वितरण कर लोगों को कोरोना से बचाव हेतु जागरूक किया। इस अवसर पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर   जयप्रकाश जेपी, स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन छैल बिहारी, नेता सदन योगेश वर्मा, निगम पार्षद अंजू जैन, मीडिया पैनलिस्ट शिवम छाबड़ा, नवरंग सिंह, अमित नागपाल सहित आरडब्लूए एवं निगम के पदाधिकारी उपस्थित थे।

आदेश गुप्ता ने कहा कि नगर निगम प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है। एरोबिक ड्रम कम्पोस्ट प्लांट के जरिए हम वेस्ट टू वेल्थ की ओर आगे बढ़ सकेंगे। एक ओर इससे जहां प्रदूषण से निजात मिलेगी वहीं दूसरी ओर खाद बनाकर बेचने से आमदनी भी होगी। संसाधनों और फंड के अभाव में भी नगर निगमों अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही है। यहां तक कि अग्रिम मोर्चे पर खड़े होकर कोरोना महामारी की लड़ाई में भी नगर निगम ने कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम किया है, जो सराहनीय व अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि आरडब्ल्यूए के लोगों से प्रतिदिन निगम पार्षदों का सीधा संवाद होता है और निगम पार्षद भी लगातार उनकी समस्याओं से अवगत होते रहते हैं और उनका समाधान करते हैं। कोरोना महामारी के कारण दिल्ली में आर्थिक संकट था लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार ने करोड़ों रुपए विज्ञापन में खर्च की, ताकि जमीन पर काम किए बिना ही मुख्यमंत्री केजरीवाल विज्ञापन में ही चमकते रहें।
श्री गुप्ता ने कहा कि संकट के समय में केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों का साथ छोड़ दिया था। लॉकडाउन के दौरान भी मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए लोगों को आश्वस्त करते रहते थे कि दिल्ली के लोग सुरक्षित हैं लेकिन कभी ग्राउंड पर जाकर हालातों का जायजा नहीं लिया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते ही केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे थे, टेस्टिंग नहीं हो रहे थे, लोग इलाज के लिए दर-दर भटक रहे थे, अस्पतालों से कई दर्दनाक वीडियो सामने आ रहा थे, ऊपर से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने भविष्यवाणी की 31 जुलाई तक 5.5 लाख कोरोना मामले होंगे जिसके बाद दिल्ली के लोगों में भय व्याप्त था। उपमुख्यमंत्री ने भविष्यवाणी तो कर दी थी लेकिन फिर भी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुधारने का कोई काम नहीं किया।
श्री गुप्ता ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान भी दिल्ली के लोगों के प्रति केजरीवाल सरकार के लापरवाह रवैए को देखते हुए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का बीड़ा उठाया। गृह मंत्री जी ने 14 जून को पहली सर्वदलीय बैठक बुलाई जहां कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इसके बाद से दिल्ली में बेड की संख्या भी बढ़ी, टेस्टिंग की संख्या बढ़ी, अस्पतालों की मनमानी रोकने के लिए प्राइस कैपिंग की गई एवं कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य किए गए जिसके बाद कोरोना संक्रमण के मामले नियंत्रित हुए। इन फैसलों को जमीन पर लागू करवाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका नगर निगम ने निभाई। एंटीजन रैपिड टेस्टिंग निगमों की डिस्पेंसरी में किए गए, निगम के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कंटेनमेंट जोन में कांटेक्ट ट्रेसिंग की गई, सफाई कर्मचारियों ने सैनिटाइजेशन और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा। दिल्ली सरकार ने नगर निगम के फंड को जारी तो नहीं किया लेकिन फिर भी नगर निगम में अपनी ओर से दिल्ली के लोगों की सेवा करने में कोई कमी नहीं रखी, गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन और राशन भी निरंतर बांट रहे हैं।

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