दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मुफ्त में मास्क बांटकर करेंगे लोगों को जागरूक

नई दिल्ली:  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में दिल्ली भाजपा ने कई ऐसे सुझाव दिए जिसे लागू करने से कोरोना मामलों से निपटने में सहायता मिलेगी और व्यापारियों और दिल्लीवासियों को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्लीवासियों के हित में हमारी 8 महीनों की मांग को मानकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। इस अवसर पर दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी एवं प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार उपस्थित थे।

आदेश गुप्ता ने मास्क न लगाने पर दिल्ली सरकार द्वारा जुर्माना 500 रुपए से 2000 रुपए करने का भी कड़ा विरोध किया और कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल सैकड़ों की भीड़ लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल कार्यक्रम करते हैं और फोटो खिंचवाते हैं लेकिन उन पर कोई जुर्माना नहीं लगा। गरीब आदमी जिसके पास मास्क खरीदने के लिए भी पैसे नहीं है वह 2000 का जुर्माना कहां से देगा।दिल्ली सरकार के लोग जगह-जगह पर मास्क के लिए फोटो खींचकर ब्लैकमेल कर रही हैं और रिश्वत मांग रहे हैं, जो बहुत ही निंदनीय है। आदेश गुप्ता ने कहा भाजपा दिल्ली में बड़ी तादाद में अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से मार्केट में फ्री में मास्क बांटेगी और जनता को जागरूक करेगी।
आदेश गुप्ता ने जानकारी दी कि मोदी सरकार ने एयर लिफ्ट करके अतिरिक्त डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को अन्य राज्यों से दिल्ली बुलाया है, आनंद विहार और सब्जी मंडी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की कोच को अस्थाई कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया गया है, जहां 80 से ज्यादा मरीज भर्ती हो चुके हैं जिनके उपचार का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है जिसके बारे में एम्स के डॉक्टरों और आईसीएमआर के विशेषज्ञों ने दिल्ली सरकार को आगाह किया था, लेकिन दिल्ली सरकार ने इस जानकारी को गंभीरता से नहीं लिया और न ही कोरोना से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। इसका दुखद परिणाम है कि आज दिल्ली के लोग एक बार फिर से कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहे हैं।
आदेश गुप्ता ने कहा कि समय रहते दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में आईसीयू बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर की संख्या नहीं बढ़ाए गए, जिसके कारण आज यह नौबत आई है कि अस्पतालों में इलाज नहीं हो पा रहा है और लोग दम तोड़ रहे हैं। जिस होम आइसोलेशन एजेंडे पर दिल्ली सरकार काम कर रही थी, वह पूरी तरह से फेल है। वास्तव में दिल्ली सरकार ने प्राइवेट एजेंसी को होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों का हालचाल पूछने के नाम पर 1500 रुपए प्रति मरीज दे रही है, जबकि यह काम सरकारी डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी आसानी से कर सकते थे। हालचाल पूछने के अलावा प्राइवेट एजेंसी कोई भी चिकित्सा परामर्श मुहैया कराने में असमर्थ है। सर्वदलीय बैठक में उन्होंने सुझाव दिया कि बाजारों को बंद करने और लोगों को हाउस अरेस्ट करने की बजाय दिल्ली सरकार बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए सिविल डिफेंस के लोगों को लगाएं और मास्क पहनने के लिए जागरूक करें।
आदेश गुप्ता ने कहा शुरुआती दौर में दिक्कतें आई थी लेकिन मार्च से नवंबर आ गया लेकिन कोरोना से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की तैयारियां नाकाफी रहीं, बीच में जब कोरोना मामले बढ़े थे तब मोदी सरकार के नेतृत्व में माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने हस्तक्षेप किया और दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार करवाया, चाहे वह टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने या टेस्टिंग रेट आधा करने या निजी अस्पतालों में प्राइस कैपिंग की। 15 दिनों के अंदर मोदी सरकार ने 10,000 बेड की क्षमता वाला सरदार पटेल कोविड अस्पताल तैयार करवाया। मोदी सरकार द्वारा किए गए व्यवस्था को जारी रखने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। दिल्ली के अस्पतालों में सुविधाएं दुरुस्त करने की बजाय दिल्ली सरकार का पूरा ध्यान प्रचार पर था और पिछले 4 महीनों में लगभग 125 करोड़ रुपए दिल्ली सरकार ने सिर्फ और सिर्फ प्रचार के लिए खर्च किया।
आदेश गुप्ता ने कहा कि पूरे देश में 646ध्प्रति लाख लेकिन दिल्ली में 1641ध्प्रति लाख कोरोना संक्रमण की दर है, पूरे देश में मृत्यु दर 9.5 प्रतिशत और दिल्ली में 25.9ः है। जब पूरे देश के अंदर कोरोना के मामले कम हो रहे हैं लेकिन दिल्ली में लगातार बढ़ रहे हैं, अगर दिल्ली सरकार का ध्यान और इच्छा शक्ति दिल्ली के लोगों के हितों में काम करना होता तो आज ऐसे हालात नहीं होते। पहले तो दिल्ली सरकार ने बिना किसी एक्शन प्लान के पूरी क्षमता के साथ डीटीसी बसों को चलाने की अनुमति दे दी, जबकि दिल्ली सरकार को बसों में भीड़ बढ़ाने की वजह बसों की संख्या बढ़ानी चाहिए थी। दिल्ली सरकार ने बाजार, रेस्टोरेंट होटल खोल दिए, लेकिन जागरूकता के लिए कोई भी वॉलंटियर को नहीं लगाया, कभी मार्केट एसोसिएशन, ट्रेडर्स एसोसिएशन से सहयोग के लिए संपर्क नहीं किया, जब जरूरत थी सभी के साथ मिलकर काम करने की तब दिल्ली सरकार ने किसी का भी सहयोग नहीं लिया। कांटेक्ट ट्रेसिंग कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण पहलू है लेकिन इसमें भी दिल्ली सरकार नाकाम रही। दिल्ली सरकार ने निगम के कर्मचारियों से भी सहयोग नहीं लिया, उनकी बकाया राशि नहीं दी ताकि वह भी कांटेक्ट ट्रेसिंग की जिम्मेदारी उठाते।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दूसरे राज्यों में जाकर मोहल्ला क्लीनिक का प्रचार कर रहे हैं लेकिन मोहल्ला क्लिनिक दिल्ली में ही कोरोना से बचाव के लिए कार्य नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा ने कोरोना संकट महामारी के बीच दिल्ली के लोगों की मदद की थी, गरीब और जरूरतमंद लोगों के बीच राशन, भोजन, मास्क, सैनिटाइजर बांटने का काम किया और आज भी दिल्लीवासियों की सेवा के लिए हर प्रकार का सहयोग करने के लिए तैयार है। यह समय राजनीति करने का नहीं बल्कि सेवा करने का है। दिल्ली सरकार से विनम्र अपील है कि प्रचार पर खर्च न करें बल्कि स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत करें ताकि दिल्लीवासियों का समय पर इलाज हो सके और उनकी जान बच सके।

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