दिल्ली सरकार ने सैलरी मांगने पर 31कोरोना योद्धाओं का किया अपमान

नई दिल्ली:  पूर्व अध्यक्ष भाजपा दिल्ली प्रदेश एवं विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार द्वारा उन 31 डॉक्टरों को नौकरी से निकलने के आदेशों को  दुर्भाग्यपूर्ण बताया है जो कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर भी दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना महामारी के दौरान रामलीला मैदान में बनाए गए कोविड अस्पताल में काम कर रहे थे।
श्री गुप्ता ने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री केजरीवाल डॉक्टर रूपी कोरोना योद्धा के सम्मान की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर 31 डॉक्टरों को रामलीला मैदान से इसलिए निकाल दिया जाता है कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से अपने वेतन की मांग की। उन्हें ना सिर्फ नौकरी से निकाला गया बल्कि उनके साथ बदसलूकी और गाली गलौज भी की गई।

गुप्ता ने कहा कि सरकार द्वारा इन डॉक्टरों को नौकरी से निकाले जाने का कृत्य  अमानवीय है। ये डॉक्टर कोरोना महामारी की कठिन परिस्थितयों में दिल्ली सरकार द्वारा ऑक्सीजन व अन्य प्राण-रक्षक उपकरण उपलब्ध न कराए जाने के बावजूद भी दिन-रात मुस्तैदी से कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रहे थे। उनकी कोरोना को नियंत्रण करने में निभाई गई भूमिका काबिले तारीफ़ है।

गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी का दोहरा चरित्र इस महामारी में सामने आया है। मुख्यमंत्री एक ओर कोरोना वारियर को सम्मानित करते हुए सोशल मीडिया में अपने फोटो डालते हैं और पर्दे के पीछे कॉन्ट्रेक्ट के तहत 3 माह के लिए रखे गए बेरोजगार डॉक्टरों को सैलरी मांगने पर अपमानित कर कार्यस्थल से गार्ड से बाहर निकलवा देते है। गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल इन 31डॉक्टरों का सैलरी दिलवाए और ससम्मान डीयूटी पर रखे। दिल्ली सरकार कोरोना योद्धाओं के सम्मान की रक्षा करें।

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