दिल्ली सरकार मुहैया नहीं करा पा रही दिल्ली के मरीजों को दवाई: बिधूड़ी

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में ब्लैक फंगस के मरीज बढ़ते जा रहे हैं लेकिन दिल्ली सरकार घोषणा करके भी तीन सरकारी अस्पतालों में अभी तक ब्लैक फंगस का इलाज शुरू नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि कोरोना की तरह अब ब्लैक फंगस के मरीजों को इलाज उपलब्ध कराने में भी दिल्ली सरकार फेल साबित हो रही है।

बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री श्री सत्येंद्र जैन खुद मान रहे हैं कि दिल्ली के दस प्राइवेट अस्पतालों में इसका इलाज हो रहा है। इसके अलावा एम्स दिल्ली और एम्स झज्जर में भी इलाज चल रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को घोषणा की थी कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एलएनजेपी, जीटीबी और राजीव गांधी अस्पतालों में डेडिकेटिड सेंटर खोले जा रहे हैं लेकिन आज तक ये सेंटर नहीं खोले गए। उन्होंने कहा कि एक तरफ दिल्ली सरकार अपने अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों को इलाज नहीं दे पा रही, दूसरी तरफ जो दिल्ली के मरीज दिल्ली से बाहर जाकर इलाज करा रहे हैं, उन्हें दवाई सुलभ नहीं करा पा रही।
दिल्ली के एक मरीज को अपनी इस समस्या के लिए दिल्ली हाई कोर्ट जाना पड़ा और हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार ने दिल्ली के इस मरीज को दिल्ली सरकार द्वारा ब्लैक फंगस की दवा उपलब्ध न कराने पर हैरानी जाहिर की है। केजरीवाला सरकार का इससे बड़ी अमानवीय कृत्य और क्या हो सकता है। श्री बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के मरीजों को दिल्ली से बाहर भी इसलिए जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है कि उन्हें प्राइवेट अस्पतालों तक में दाखिला नहीं मिल रहा। सर गंगाराम अस्पताल में ही दाखिला लेने के लिए 20 मरीजों की वेटिंग लिस्ट है जबकि वहां 50 मरीजों का पहले से ही इलाज चल रहा है।
श्री बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में ब्लैक फंगस का इलाज न हो पाने का नतीजा यह निकल रहा है कि गरीब मरीजों की कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा। इस बीमारी का इलाज काफी महंगा है क्योंकि इसका एक इंजक्शन ही करीब 10 हजार रुपए का है और एक मरीज को 20 से 30 इंजेक्शन भी लगाने पड़ सकते हैं। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में ब्लैक फंगस का इलाज न होने के कारण लोग सरकार के निकम्मेपन के पर बेबस होकर रह गए हैं।

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