दिल्ली सरकार इस वर्ष भी बच्चों के 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा फीस जमा करें: भाजपा

नई दिल्ली: चुनावी फायदे के लिए केजरीवाल सरकार ने 2019 में बच्चों के 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा की फीस दी थी, लेकिन अब बोर्ड की फीस देने से मुकर गई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि कोरोना संकट के कारण लोग आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं और ऐसे हालातों में परीक्षा फीस भरने से केजरीवाल सरकार ने मना कर दिया, जिससे कि अब यह बोझ छात्रों के अभिभावकों पर पड़ रहा है। इस दबाव के कारण कई बच्चे बोर्ड की परीक्षा देने से महरूम हो सकते हैं।

श्री गुप्ता ने कहा कि बोर्ड परीक्षा के लिए प्रति छात्र 1500-2500 रुपए तक फीस जमा किए जाते हैं। छात्रों को भी अपने वोट बैंक के लिए इस्तेमाल करते हुए 17 सितम्बर 2019 को केजरीवाल सरकार ने ऐलान किया कि 2019-20 सत्र के लिए 10वीं व 12वीं कक्षा के लगभग साढ़े 3 लाख छात्रों की परीक्षा फीस दिल्ली सरकार जमा करेगी और लगभग 57 करोड़ रुपए सीबीएसई को जमा कराए थे। लेकिन इस वर्ष जब छात्रों के अभिभावक इस उम्मीद में थे कि केजरीवाल सरकार उनकी परिस्थितियों को देखते हुए बोर्ड परीक्षा की फीस जमा करेगी, लेकिन केजरीवाल सरकार ने फीस देने से मना कर अभिभावकों की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए बच्चों के भविष्य को ताक पर रख दिया।
श्री गुप्ता ने कहा कि संकट का यह समय लोगों से राहत छीनने का नहीं बल्कि उन्हें राहत देने का समय है। दिल्ली सरकार की मनाही से सबसे ज्यादा असर गरीब परिवार के बच्चों पर पड़ेगा और इस कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार से अनुरोध है कि वह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें और पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी उनके बोर्ड की परीक्षा फीस जमा करें।

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