DERC का उपभोक्ताओं को फिक्स्ड चार्ज में छूट मात्र एक छलावा है: गुप्ता 

नई दिल्ली:  डी.ई.आर.सी. ने औद्योगिक और व्यापारिक उपभोक्ताओं द्वारा अप्रैल और मई के बिजली बिलों में फिक्स्ड चार्ज में 50 प्रतिशत छूट देने का फैसला किया है। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि डी.ई.आर.सी. का बिजली उपभोक्ताओं को राहत के नाम पर फिक्स्ड चार्ज में छूट का आज का फैसला छलावा मात्र है।

श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के सभी वर्गों के बिजली उपभोक्ता लगातार फिक्सड चार्ज माफ किए जाने की मांग कर रहे थे। दिल्ली भाजपा द्वारा जन आंदोलन के माध्यम से तीन महीने से उठ रही मांग कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने पूरी उपेक्षा की पर जब स्थिति राजनीतिक रूप से हाथ से जाती दिखी तो फिक्सड चार्ज के विरूद्ध उपभोक्ताओं के बढ़ते दबाव को शांत करने के अरविंद केजरीवाल सरकार ने डी.ई.आर.सी. को माध्यम बनाकर इस आंशिक छूट का ऐलान करवाया है।
इस आदेश को लाते हुऐ भी अरविंद केजरीवाल सरकार एवं डी.ई.आर.सी. ने उपभोक्ताओं की जगह बिजली कम्पनियों के हितों का ध्यान रखा है और इस संदर्भ में केन्द्र सरकार की एडवाइजरी की उपेक्षा की है। केन्द्र सरकार ने इस संदर्भ की एडवाइजरी में लॉक डाउन अवधि के लिए सभी उपभोक्ताओं जिनके दुकानें या कारखाने बंद थे उन्हें फिक्स्ड चार्ज में 100 प्रतिशत छूट का सुझाव दिया है पर केजरीवाल सरकार ने निर्णय लेते हुए छूट को 50 प्रतिशत ही रखा गया। इस सशर्त राहत आदेश का लाभ सीमित व्यापारिक एवं उधोगिक उपभोक्ताओं को ही मिलेगा। शेष उपभोक्ताओं को छूट का कोई विशेष लाभ नहीं होगा।
श्री गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान हजारों संपत्तियां खाली हुई पर उनके मालिकों को फिक्स्ड चार्ज से परेशानी हो रही है और उन्हें भी यह छूट मिलनी चाहिए। भाजपा दिल्ली प्रदेश ने लगातार भारी-भरकम बिजली बिलों से जुड़ी समस्याओं को लेकर जन आंदोलन करती आई है और जुलाई में डी.ई.आर.सी. को दिए एक ज्ञापन में मांग की थी कि सभी उपभोक्ताओं के लाॅक डाउन की मार्च से जून की अवधि के लिए सभी वाणिज्यिक एवं घरेलू उपभोक्ताओं के फिक्सड चार्ज माफ किए जाए। लेकिन डी.ई.आर.सी. ने अरविंद केजरीवाल सरकार के दबाव में जनता के हितों का कम बिजली कम्पनियों के हितों का अधिक ध्यान देते हुए मात्र दो महीने के लिए आधी-अधूरी छूट दी है।
श्री गुप्ता ने कहा कि हम केजरीवाल सरकार से पुनः मांग करते हैं कि दिल्ली वासियों के हितों का ध्यान रखते हुए लॉक डाउन की अवधि तक सभी वाणिज्यिक एवं घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में लगने वाले फिक्स्ड चार्ज को माफ किया जाए।

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