दिल्ली विधानसभा में पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि देने से रोकना शहीदों का अपमान है-मनोज तिवारी

नई दिल्ली, 22 फरवरी।  दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अपना आखिरी बजट पेश करेंगे, लेकिन इस आखिरी सेशन में भी कुछ ऐसा हुआ जिसकी कम से कम कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। दरअसल दिल्ली विधानसभा का जब सेशन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए मौका देने की विनती की तो विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने रोक दिया।

इस प्रकरण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि देने से रोकना न केवल शहीदों का अपमान है बल्कि दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल का यह रवैया भी गलत है। अध्यक्ष का काम किसी को रोकना नहीं है, बल्कि उसका काम दूसरे पक्ष को भी मौका देना है, लेकिन उनका यह कृत्य बताता है कि वे  सरकारी एजेन्ट की तरह कार्य कर रहे हैं।

श्री तिवारी ने बजट सत्र के पहले ही दिन भाजपा के चारों विधायकों श्री विजेन्द्र गुप्ता, श्री ओ.पी. शर्मा, श्री जगदीश प्रधान और श्री मंजिन्दर सिंह सिरसा को बाहर निकालने की घटना को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि विधायकों की बातों को न सुनना उस क्षेत्र की जनता की बातों को दरकिनार कर देने जैसा होता है। क्योंकि सदन में विधायक अपनी नहीं बल्कि जनता और उनके हितों को लेकर जाते है, लेकिन उन्हें निकाला जाना यह दर्शाता है कि सरकार को संबंधित क्षेत्र की जनता से कोई मतलब नहीं है। यह कोई पहली घटना नहीं है जब विधायकों को विधानसभा से बाहर किया गया है। इसके पहले भी आम आदमी पार्टी की यह तानाशाह सरकार इस प्रकार का अलोकतांत्रिक कार्य कर चुकी है। उन्होंने पूछा कि आम आदमी पार्टी बताएं क्या अब संविधान खतरे में नहीं है? क्या ये प्रकरण अभिव्यक्ति की आजादी का हनन नहीं है और क्या ये शहीदों का अपमान नहीं है? केजरीवाल जवाब दें।

श्री तिवारी ने कहा कि यह काम केवल विधानसभा अध्यक्ष का नहीं है, बल्कि उन्होंने यह सब केजरीवाल के इशारे पर किया है। क्योंकि ये वहीं केजरीवाल हैं, जो टुकड़े टुकड़े गैंग को न केवल सपोर्ट करते हैं बल्कि जेएनयू प्रकरण की फाइल भी दबा कर रखे हुए हैं। जनता केजरीवाल की मानसिकता को अब अच्छी तरह से समझ गई है और उन्हें इसका जवाब जरूर मिलेगा। उन्होंने केजरीवाल को अर्बन नक्सली बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी न केवल टुकड़े-टुकड़े गैंग की समर्थक हैं, बल्कि वे शहीदों के हक में भी नहीं बोलते है, लेकिन जब कोई बोलना चाहता है तो ये उन्हें बोलने नहीं देते है। इस प्रकरण के बाद इस सरकार का एक बार फिर से टुकड़े-टुकड़े गैंग के प्रति प्यार सामने आया है, लेकिन यह सब देखकर दिल्लीवालों को भी अपनी गलती समझ आ रही होगी, जिसका सबक सरकार को जरूर मिलेगा।

श्री तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार आज जिस तरह से काम कर रही है और लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है जनता आगामी लोकसभा चुनाव और 2020 विधानसभा चुनाव में न केवल इनका सूपड़ा साफ कर देगी बल्कि इनका अस्तित्व ही खत्म कर देगी। शहीदों का यह अपमान आम आदमी पार्टी को बहुत भारी पड़ने वाला है।

श्री तिवारी ने केजरीवाल पर बजट सत्र को छोटा करने का भी आरोप लगाया और कहा कि पहले बजट सत्र 15-16 दिनों से ज्यादा दिनों तक का होता था, लेकिन उन्होंने घटाकर 6 दिनों का कर दिया है। केजरीवाल सरकार में एक ओर जहां बजट का पैसा लैप्स हो रहा है। वहीं इनके कई एमएलए हैं जो अपना फंड खर्च नहीं कर पाए हैं। यहां सबसे शर्मनाक बात ये है कि इन्होंने इसके बावजूद भी एमसीडी को पैसे नहीं दिए, जिसकी वजह से लोकहित के कई काम रूके हुए हैं। लिहाजा केजरीवाल ने अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए सत्र को छोटा कर दिया है।

Facebook Comments