ग्रामीण छात्रों के साथ रुक नहीं रहा भेदभाव: नोवरा

नोएडा: शहर में शिक्षा के अधिकार कानून की धज्जियाँ किस प्रकार उड़ रही हैं और किस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किआ जा रहा है इसका ताज़ा उदाहरण नॉएडा के सेक्टर 168 स्थित ग्रेट कोलंबस स्कूल की है, नोवरा (नोएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन) को लगातार मिल रही शिकायतों में यह मात्र एक प्रकरण है , नज़दीक के ग्राम छपरौली में रहने वाले नीटू चौहान के लिए वह बेहद ख़ुशी का दिन था जब उन्हें  अपनी पुत्री का प्री प्राइमरी में एडमिशन के लिए शिक्षा के अधिकार के तहत फार्म भरा और पता चला के उन्हें बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा यह विद्यालय अलॉट किया गया है , बिटिया को नज़दीक के स्कूल में एडमिशन होते हुए देख पूरा परिवार खुश था।

किन्तु उनकी खुशियां कुछ दिन ही टिकी , बेटी बचाओ बेटी पढाई का नारा बुलंद करने से ही शायद काम नहीं चलता , स्कूल प्रशाशन उन्हें लगातार परेशान करने लगा , बार बार स्कूल जाने पर कभी प्रिंसिपल के न होने , तो कभी एडमिशन के दिसम्बर में होने की बात कही जाती ,  यहाँ तक भी कहा के पैसे वाले एडमिशन नहीं हो रहे तो फ्री वाले क्यों कर लें , तंग आकर उन्होंने नोवरा से बात साझा की , इसके बाद नोवरा द्वारा एक पत्र विद्यालय को लिखा , दुःख की बात यह ही के प्रशाशन ने इस पत्र को लेने से ही मन कर दिया जबकि नोवरा द्वारा ऐसे कई पत्र ऐसे विद्यालयों को निवेदन एवं चेतावनी  के रूप में लिख चुका है के ग्रामीणों के अधिकारों का हनन न किआ जाए अन्यथा नोवरा द्वारा विद्यालय प्रशाशन के खिलाफ संवैधानिक प्रदर्शन , अधिकारीयों एवं नेताओं से शिकायत अथवा ज़रूरत पड़ने पर कोर्ट भी जाने में नहीं हिचकेंगे।
नोवरा अध्यक्ष रंजन तोमर के अनुसार नोवरा के पास लगातार ऐसी शिकायतें आ रही हैं जिनमें स्कूल प्रशाशन ग्रामीण बच्चों को शिक्षा के अधिकार कानून के तहत भी एडमिशन देने में कतराते हैं और कोशिश करते हैं के उन्हें कैसे भी करके इतना परेशान कर दिया जाए के वह किसी गाँव के छोटे विद्यालय में एडमिशन ले लें।  इसकी शिकायत संस्था ने डीएम महोदय एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी के आलावा दोनों विधायकों पंकज सिंह एवं तेजपाल नागर से की।  

प्रतिनिधि का न होना मुख्य कारण

संस्था कहती है के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ हो रहे भेदभाव को ग्रामीण चुपचाप सेह लेते हैं क्यूंकि अब उनके पास कोई जन प्रतिनिधि नहीं है जो उनकी बात को ऊपर तक लेकर जा सके , किन्तु नोवरा तब तक चुप नहीं बैठेगी जब तक उन्हें संवैधानिक और लोकतान्त्रिक अधिकार प्राप्त न हो जाएँ।

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