महेंद्र सिंह भाटी हत्याकांड मामले में डीपी यादव बरी

नोएडा: गौतमबुद्ध नगर के चर्चित महेंद्र सिंह भाटी हत्याकांड मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने आज ऐसा फैसला दिया है जिसने गौतमबुद्ध नगर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विधानसभा से पूर्व माहौल गर्म कर दिया है।हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद डीपी यादव को आज सुनवाई के दौरान सबूत न मिलने के कारण हत्या के आरोप से बरी कर दिया है। हालांकि इस मामले में अन्य आरोपियों की अपील को सुरक्षित रखा गया है।बताते चले कि बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा ने सुनवाई की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा महेंद्र भाटी हत्याकांड मामले में डीपी यादव के खिलाफ कोई भी सबूत न मिलने के कारण उनको बाइज्जत बरी किया जाता है।

आपको बता दें कि महेंद्र भाटी हत्याकांड में 15 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने डीपी यादव के खिलाफ फैसला सुनाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।जिसके बाद डीपी यादव और उनके अन्य साथियों ने नैनीताल हाई कोर्ट में सीबीआई के फैसले को चुनौती दी थी।बताते चलें कि आज से करीब 27 साल पहले 13 सितंबर 1992 को दादरी के तत्कालीन विधायक महेंद्र सिंह भाटी की दादरी में हत्या कर दी गई थी।लोगों का कहना है कि दूध का कारोबार करने वाले डीपी यादव को राजनीति में लाने वाले भी महेन्द्र भाटी ही थे। डीपी यादव भी उनको अपना गुरु मानते थे।लेकिन पैसों की हवस ने यादव को गलत कार्यों की तरफ धकेल दिया।जिसके बाद दोनों के रास्ते अलग हो गये।

और तो और डीपी यादव को राजनीति इतनी पंसद आयी उसने अपने गरु को ही अपने रास्ते से हटाने का निर्णय किया। डीपी यादव ने वक्त के साथ अपना प्रभाव बढ़ाया और पश्चिमी यूपी के अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया। कहा तो यहां तक जाता है कि नोएडा और गाजियाबाद का कोई भी प्रॉजेक्ट बिना यादव को हिस्सा दिए आगे नहीं बढ़ सकता था। यादव के प्रभाव को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2000 में महेंद्र सिंह भाटी मर्डर केस का ट्रायल उत्तराखंड में सीबीआई देहरादून की निगरानी में कराने का फैसला दिया।

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