दूसरी लहर के बाद गांवों में आर्थिक तंगी और भूखमरी की समस्या

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के गांवों में कोरोना वायरस का संक्रमण कम होना शुरू हो गया है। ऐसा माना जा रहा था कि कुछ समय पहले तक कोरोना वायरस का असर गांवों में तेजी से फैल रहा था, लेकिन गांव वालों की जागरूकता के कारण कोरोना का फैलाव रूक गया है। यह जानकारी परमार्थ समाज सेवी संस्थान द्वारा एक रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार परमार्थ संस्था ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 6 जिलों के 300 गांवों में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रभाव पर सर्वे कराया। रिपोर्ट की माने तो संक्रमण की दूसरी लहर के ख़त्म होने के बाद से गांवों में आर्थिक तंगी और भूखमरी की समस्या खड़ी हो गई है, जिससे निपटने के लिए सरकार को पहल करनी है। अब कोरोना वायरस की तीसरी लहर के लिए बचने के लिए गांवों वालों को तैयार करने की जरूरत है, जिसकी शुरूआत भी सरकार ने कर दी है, गांवों में कोरोना निगरानी समिति बनाई जा रही है, जो कोरोना संक्रमण पर निगाह रखेगी।
कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि गांवों पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि गांवों में जागरूकता का अभाव और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के कारण यहां संक्रमण तेजी से फैलेगा। इसलिए, बुंदेलखंड में कार्यरत परमार्थ समाज सेवी संस्थान ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 6 जिलों में जागरूकता और सर्वे कराया। इसके लिए संस्था ने अपने कार्यकार्ताओं की 18 टीम बनाई। हर टीम में सदस्य 2 थे, जो तय गांवों में घर-घर जाकर लोगों को पोस्टर और पैम्पलेट के माध्यम से जागरूक कर रहे थे, साथ ही उन्हें स्वास्थ संबंधी आंकडों को भी इकट्ठा कर रहे थे। जैसे गांव या घर में कोई बीमार है या नहीं। वैक्सीनेशन हुआ है या नहीं और कोरोना की जांच कराई गई है या नहीं। साथ ही, जिन लोगों में कोरोना जैसे लक्षण नजर आए, उनकी कोरोना जांच भी कराई जा रही थी। टीम ने ललितपुर, झांसी, जालौन, हमीरपुर और छतरपुर, टीकमगढ़ के 9 ब्लॉक में सर्वे किया। इस सर्वे के दौरान 70 फीसदी परिवारों के स्वास्थ्य का रिकार्ड एकत्रित किया गया, जिनका प्रयोग सर्वे का निष्कर्ष निकालने के लिए किया गया है।

परमार्थ संस्था के प्रमुख संजय सिंह इस रिपोर्ट के बारे में कहते हैं कि असल में कोरोना वायरस की जब दूसरी लहर गांवों में आई, तो उस समय गांव के लोग कोरोना से लड़ने के लिए तैयार नहीं थे, क्योंकि उत्तर प्रदेश में उस समय ग्राम पंचायत के चुनाव हो रहे थे, जिस वजह से गांवों में प्रशासनिक व्यवस्था चुनाव संबंधी कामों में व्यस्थ था, ऐसे में परमार्थ ने गांवों का हाउसहोल्ड सर्वे शुरू किया और घर-घर जाकर लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जागरूक किया। परमार्थ के कार्यकर्ताओं ने चार बिंदुओं पर लोगों को जागरूक किया, जिससे वे कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सके। कार्यकर्ताओं ने गांव वालों को वैक्सीन को लेकर फैलायी जा रही भ्रांतियों के बारे में जागरूक किया एवं समझाया कि वे वैक्सीन लगवाए, वैक्सीन ही एक मात्र उपाय है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। लगातार सरकार के द्वारा भ्रांतियों के बारे में लोगों को जागरूक करने का भी काम किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में भी वैक्सीनेशन को बढावा मिला रहा है।

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